22 April, 2009

मौजां ही मौजां: पंजाब कर्मियों का वेतन 27 फीसदी बढ़ेगा

वेतन आयोग के अध्यक्ष एसके टुटेजा ने पंजाब के कर्मचारियों के वेतन में औसतन 27 फीसदी बढ़ोतरी और सेवानिवृत्ति की उम्र 58 से 60 वर्ष करने की सिफारिश की है। उन्होंने 20 अप्रैल को अपनी रिपोर्ट राज्य के मुख्य सचिव आरआई सिंह को सौंप दी। लोकसभा चुनाव के बाद यह सिफारिशें लागू होंगी। इसका फायदा हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों को भी मिलेगा। हिमाचल में पंजाब का पैटर्न ही लागू होता है। पंजाब के मुख्य सचिव सिंह ने इन सिफारिशों को लागू करने के लिए कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी अपनी रिपोर्ट कैबिनेट को देगी। नया वेतनमान 1 जनवरी 2006 से लागू होगा। आयोग ने वेतन और पेंशन के एरियर का बकाया 4800 करोड़ रुपए देने की भी सिफारिश की गई। यह भी 1 जनवरी 2006 से देय होगा। केंद्र सरकार की तर्ज पर डीए मिलेगा। इसका फायदा यह होगा कि भत्ते दोगुना हो जाएंगे।

आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक, वेटनरी, पीसीएमएस और दंत चिकित्सकों को बेसिक पे का 25 फीसदी एनपीए मिलेगा। क्लास वन अफसर को 30 फीसदी डेपुटेशन भत्ता मिलेगा। नेत्रहीन और विकलांग कर्मचारियों के परिवहन भत्ते में 450 रुपए बढ़ोतरी करने की सिफारिश है। जिन कर्मचारियों के दो बच्चे हैं उनको 500 रुपए प्रति माह भत्ता और मेडिकल भत्ता 250 से 500 रुपए कर दिया गया है। हर कर्मचारी को 100 से 500 रुपए तक मोबाइल फोन भत्ता मिलेगा।

अति संवेदनशील पदों पर नियुक्त कर्मचारियों को जोखिम भत्ता के स्थान पर जोखिम बीमा से कवर किया जाएगा। यह पांच से 15 लाख रुपए तक होगा। इसका प्रीमियम राज्य सरकार देगी। ग्रुप सी और डी के कर्मचारियों को परिवार दो बच्चों तक सीमित रखने पर एक फीसदी अतिरिक्त वेतन बढ़ोतरी की सिफारिश की गई है।

नौकरी के दौरान मृत्यु होने पर एक्सग्रेशिया एक लाख से बढ़ा कर तीन लाख रुपए करने की सिफारिश की गई है। अगर मृत्यु दंगों, आतंकी हमले या देश विरोधी तत्वों के हाथों होती है तो एक्सग्रेशिया 10 लाख रुपए मिलेगा। आश्रित को पेंशन दस साल तक बढ़ोतरी दर से मिलेगी। रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि एडवांस ऑफ ग्रांट बैंकों के जरिए दिया जाए। इस पर ब्याज दर दो फीसदी कम देना होगा।

80 से 100 साल तक होने पर रिटायर कर्मियों को या फिर उनके परिवारिक सदस्यों को मिलने वाली पेंशन उच्च स्तर की दर से मिलेगी। इसके साथ ही 65 से 75 वर्ष तक होने पर ओल्ड ऐज भत्ता पुराने स्तर पर मिलता रहेगा।

सभी मौजूदा व पेंशन प्राप्त कर्मियों के लिए इंश्योरेंस स्कीम का सुझाव दिया गया है। सचिवालय और निजी स्टाफ को आपस में मर्ज करने का भी सुझाव है। भविष्य में नई भर्ती एग्जीक्यूटिव असिस्टेंट के तौर होगी। यह एग्जीक्यूटिव असिस्टेंट व निजी स्टाफ का काम देखेगा। जिसकी योग्यता कम से कम ग्रेजूएशन एवं एक साल का कंप्यूटर का डिप्लोमा होगी।

अकाली दल ने ऐलान किया कि वह पे-कमीशन की सिफारिशों को जैसी है, वैसी ही लागू करेगा। इनमें किसी तरह का बदलाव नहीं किया जाएगा।

सेवानिवृत्ति की उम्र 58 से 60 वर्ष करने की सिफारिश की गई है। शिक्षक, नर्स और कांस्टेबल से ऊपर के कर्मचारियों को अधिकतम पे स्केल मिलेगा। अगर कोई कर्मचारी इससे वंचित रहता है तो उसे अगला स्केल दिया जाएगा। उसका ग्रेड चेंज नही होगा।

इसके अलावा सभी क्षेत्रों के हाउस रेंट अलाउंस में पांच फीसदी बढ़ोतरी करते हुए सिटी कंपनसेटरी अलाउंस को खत्म करने की सिफारिश की गई है। ग्रामीण क्षेत्रों के भत्ते को पांच से बढ़ाकर छह फीसदी किया गया है। टीए और डीए की दरों में संशोधन किया गया है।

पूरी पेंशन के लिए 33 साल के सेवाकाल की शर्त पर नरमी दिखाते हुए 20 साल की सेवा के बाद लिए गए वेतन की औसतन 50 फीसदी राशि पेंशन के रूप में देने की सिफारिश की है। आयोग ने यह भी सिफारिश की कि भविष्य में सभी कर्मियों के वेतन में एक साथ तीन फीसदी बढ़ोतरी होगी।
(संदर्भ: सुखबीर सिंह बावजा, दैनिक भास्कर)