22 December, 2009

नई कर व्यवस्था से कर्मचारियों की जेब गहरी कट सकती है: अगले 3 माह में देना पड़ेगा 12 माह का टैक्स!?

सरकार ने वेतनभोगी कर्मचारियों के आवास व यात्रा जैसे विभिन्न अनुलाभ भत्तों पर कर की गणना के नए नियमों को अधिसूचित कर दिया है। इससे वेतनभोगी वर्ग पर कर का बोझ और बढ़ जाएगा। कर्मचारियों की कर देनदारी की गणना नये नियमों के अनुसार होगी और यह समाप्त कर दिए गए फ्रिंज बेनिफिट टैक्स (एफबीटी) की जगह लेगा। इससे वेतनभोगियों की जेब पर बोझ और बढ़ जाएगा।

मिल रही खबरों के अनुसार नियोक्ता द्वारा अपने कर्मचारी के परिवार को दिए जाने वाले आवास भत्ते, यात्रा भत्ते तथा अन्य अनुलाभों को शीघ्र ही आयकर काटने के उद्देश्य से वेतन में शामिल किया जायेगा। यह व्यवस्था एक अप्रैल, 2009 से लागू होगी।

उल्लेखनीय है कि अब तक वेतनभोगी कर्मचारी के इन भत्तों पर कर, नियोक्ता कंपनी एफबीटी के रूप में चुकाती थी। वित्तमंत्री प्रणव मुखर्जी ने एफबीटी को 2009-10 के बजट में समाप्त कर दिया था। जिन लाभों को करयोग्य वेतन में शामिल किया जाएगा उसमें नियोक्ता द्वारा देय आवास सुविधा, आधिकारिक तथा व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिए वाहन पर खर्च, चालक का वेतन, नियोक्ता द्वारा दिए जाने वाले माली और सफाई कर्मचारी के वेतन तथा कर्मचारी के बच्चों को देय रियायती शिक्षा शामिल है।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड की वेबसाइट पर उपलब्ध अधिसूचना के अनुसार उक्त सभी अनुलाभ भतों को मूल्यांकन नियमों में शामिल किया गया है। आवासीय तथा यात्रा भत्ते के साथ-साथ नियोक्ता द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली यात्रा, नि:शुल्क भोजन तथा शीतल पेय, आयोजन अवसरों पर कर्मचारी को मिले उपहार या वाउचर, यात्रा भत्ता व किसी क्लब की सदस्यता के लिए किए गए भुगतान के लिए मिलने वाली राशि की गणना भी नई आयकर गणना प्रणाली में होगी।

उल्लेखनीय है कि अनुलाभों को इससे पहले कर उद्देश्य के लिए वेतन में शामिल किया गया था लेकिन उन्हें एफबीटी कहा गया था। उनका भुगतान कंपनी करती थी न कि कर्मचारी। जहां तक सरकारी कर्मचारियों की बात है तो नए गणना या मूल्यांकन नियम प्रतिनियुक्ति वाले कर्मचारियों के अलावा सभी के लिए समान होंगे। अर्नेस्ट एंड यंग के कर सहयोगी अमिताभ सिंह ने नये आयकर आकलन नियमों के बारे में पूछने पर कहा कि एफबीटी प्रणाली के तहत अनुलाभ का कर बोझ नियोक्ता पर रहता था लेकिन अब यह कर्मचारी पर होगा।

16 December, 2009

बैंक कर्मचारी आज, 16 दिसम्बर को राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर

देश के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को एकीकृत करने के विरोध में बैंक कर्मचारी 16 दिसम्बर को राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर रहेंगे। हड़ताल का आयोजन अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ और अखिल भारतीय बैंक अधिकारी संघ ने किया है। हड़ताल में सार्वजनिक, निजी और विदेशी सभी बैंकों के कर्मचारी शामिल हैं लेकिन इसका प्रभाव मुख्य रूप से सार्वजनिक बैंकों पर ही पड़ने की संभावना है।

फेडरल बैंक ने बंबई स्टॉक एक्सचेंज को एक बयान में बताया कि हड़ताल से उसकी शाखाओं में सामान्य कामकाज प्रभावित हो सकता है। तेलंगाना के प्रस्तावित विभाजन के कारण आंध्र प्रदेश में कानून व्यवस्था की संवेदनशील स्थिति को देखते हुए वहां के बैंकों को हड़ताल से मुक्त रखा गया है।