इसमें अधिकारी वर्ग की वेतन वृद्धि से 2,239 करोड़ रुपये और कर्मचारियों की वेतन वृद्धि से 2577 करोड़ रुपये का भार पड़ेगा। वर्ष 1993 में पेंशन स्कीम को न अपनाने वाले बैंक कर्मचारियों को पेंशन का दूसरा विकल्प देने पर भी दोनों पक्ष सहमत हो गए हैं। दूसरा पेंशन विकल्प देने से बैंकों पर छह हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा। पेंशन भार का 70 फीसदी बैंक वहन करेंगे जबकि 30 फीसदी कर्मचारियों को वहन करना होगा।
एक अप्रैल 2010 के बाद बैंक सेवाओं में आने वाले कर्मचारियों को एनपीएस में शामिल करने पर सहमति हो गई है।
एक अप्रैल 2010 के बाद बैंक सेवाओं में आने वाले कर्मचारियों को एनपीएस में शामिल करने पर सहमति हो गई है।
आईबीए के सदस्य बैंकों में 7.50 लाख बैंक कर्मचारी हैं जबकि 2.50 लाख बैंक अधिकारी हैं। फिलहाल दोनों पक्षों के बीच मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टेंडिंग (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इसे 90 दिनों के अंदर अंतिम रूप देकर ज्वाइंट नोट तैयार किया जाएगा।
समझौते पर सार्वजनिक क्षेत्र के भारतीय स्टेट बैंक और इसकी पांच सब्सिडियरी को छोड़कर शेष सभी आईबीए के सदस्य बैंकों ने हस्ताक्षर किए हैं। कई निजी और विदेशी बैंक भी इसमें शामिल हैं।
हस्ताक्षर न करने के कारण एसबीआई और इसकी सब्सिडियरी बैंकों के कर्मचारियों पर यह समझौता लागू नहीं होगा।
कुल मिलाकर सार्वजनिक, निजी क्षेत्र और विदेशी 77 बैंकों के अधिकारियों और कर्मचारियों पर यह समझौता लागू होगा।