अर्थव्यवस्था के समक्ष आ रही चुनौतियों की ओर ध्यान दिलाते हुए 22 फरवरी को सरकार ने बोनस सीमा को बढ़ाने से इंकार कर दिया।
श्रम राज्यमंत्री के. सुरेश ने कांग्रेस के रामचन्द्र खूंटिया के निजी विधेयक पर हस्तक्षेप करते हुए कहा कि देश की अर्थव्यवस्था नरमी के दौर से गुजर रही है। ऐसे में यदि बोनस की सीमा को बढ़ाया जाता है तो इससे सरकार पर काफी आर्थिक बोझ पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे में बोनस सीमा बढ़ाने के लिए बोनस संदाय कानून 1965 में संशोधन करने को उपयुक्त नहीं मानती। मंत्री के बयान के बाद उक्त कानून में संशोधन के लिए लाये गये खूंटिया के निजी विधेयक.. ‘बोनस संदाय संशोधन विधेयक’ को सदन ने ध्वनिमत से नामंजूर कर दिया।
श्रम राज्यमंत्री के. सुरेश ने कांग्रेस के रामचन्द्र खूंटिया के निजी विधेयक पर हस्तक्षेप करते हुए कहा कि देश की अर्थव्यवस्था नरमी के दौर से गुजर रही है। ऐसे में यदि बोनस की सीमा को बढ़ाया जाता है तो इससे सरकार पर काफी आर्थिक बोझ पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे में बोनस सीमा बढ़ाने के लिए बोनस संदाय कानून 1965 में संशोधन करने को उपयुक्त नहीं मानती। मंत्री के बयान के बाद उक्त कानून में संशोधन के लिए लाये गये खूंटिया के निजी विधेयक.. ‘बोनस संदाय संशोधन विधेयक’ को सदन ने ध्वनिमत से नामंजूर कर दिया।