26 August, 2009

केंद्रीय कर्मचारियों को त्योहारों पर तोहफा

सरकार ने छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने के बाद एरियर (बकाया राशि) की दूसरी किश्त जारी करने की घोषणा की है। खबरों के अनुसार दूसरी किश्त सितंबर में मिलने की संभावना है।

वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद वेतन बढ़ोतरी को जनवरी 2006 से लागू किया गया था। इस कारण केंद्रीय कर्मचारियों को एरियर का भुगतान किया गया, मगर सरकार ने इसे दो भागों में देने का फैसला किया था।
वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार केंद्रीय कर्मचारियों को एरियर राशि जारी कर दी गई है। अब इसका ज्ञापन सभी केंद्रीय सरकारी मंत्रालयों और विभागों में भेजा जाएगा। इसके बाद मंत्रालय और विभाग अपने कर्मचारियों और अधिकारियों की बकाया राशि का आकलन करने के बाद इसे देंगे। ऐसे में एरियर सितंबर माह के वेतन में ही संभव हो पाएगा।

जो कर्मचारी 1 जनवरी 2004 के बाद से नौकरी में आये है, उनको दूसरी किश्त तभी मिलेगी, जब वे नई पेंशन स्कीम लेंगे। सरकारी कर्मचारियों को पहले की तरह अपने एरियर की दूसरी किश्त को भी साधारण भविष्य निधि (जीपीएफ) में जमा करने की भी छूट रहेगी।

19 August, 2009

सुंदर सेल्स गर्ल से बिक्री कम हो जाती है दुकान की!

यह खबर भी कम मजेदार नहीं। अभी तक यह माना जाता था कि यदि काउंटर पर सुंदर सेल्स गर्ल हो बिक्री बढ़ जाती है। लेकिन यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ आस्ट्रेलिया के एक ताजा सवेक्षण में यह निष्कर्ष निकाला गया है कि काउंटर पर सुंदर लड़कियों को बिठाना भी नुकसानदायक हो सकता है। शोध के मुताबिक जहां सेल्स गर्ल ज्यादा सुंदर होती है, वहां पर महिलाएं सामान खरीदना पसंद नहीं करतीं। क्योंकि उन्हें यह बात पसंद नहीं होती कि सेल्स गर्ल उनसे ज्यादा सुंदर और आकर्षक दिखे। सुंदर सेल्स गर्ल के कारण पुरुष भले उस दुकान की ओर आकषिर्त होते हों, लेकिन महिलाओं द्वारा उपेक्षित रह जाने कारण उस दुकान की बिक्री कम हो जाती है।

इस संबंध में शोधकर्ता बिनाका प्राइस का कहना है कि महिलाओं में स्वाभाविक प्रतिस्पर्धा पाई जाती है। खरीदारी के लिए दुकान पर जाने वाली किसी महिला को लगता है कि काउंटर पर खड़ी सेल्स गर्ल उससे बेहतर है। तब वह उस दुकान से सामान खरीदना पसंद नहीं करती। इस लिहाज से खुदरा जगत में महिलाओं की यह प्रतिक्रिया दुकान की बिक्री को सीमित कर सकती है। प्राइस इसके पीछे मनौवैज्ञानिक कारणों को देखती हैं। उनका मानना है कि जब कोई महिला यह देखती है कि सेल्स गर्ल उससे सुंदर है तो वह अंदर ही अंदर बेचैन हो जाती है। उसका आत्मविश्वास नीचे चला जाता है और वह उस दुकान की ओर रुख करना पसंद नहीं करती।

18 August, 2009

महिलाएं चाहती हैं पुरूष बॉस!

वैसे तो यह खबर विदेश से आई है, लेकिन है कुछ चुटीली। हो सकता है यहाँ भी ऐसा ही कुछ सोचा जाता हो! दर असल ब्रिटेन में एक सर्वे में यह बात सामने आई है कि ज्यादातर महिलाएं किसी पुरूष बॉस के अधीन काम करना पंसद करती हैं। ब्रिटेन में मेल ऑनलाइन ने इस सर्वे को करवाने वाली वेबसाइट ‘वनपोल डाट कॉम’ के हवाले से खबर दी है कि दो-तिहाई महिला कर्मियों ने अपने कार्यालय में पुरूष बॉस को तरजीह दी क्योंकि वे अच्छे प्रबंधक साबित होते हैं तथा उनके मूड में भी बहुत ज्यादा बदलाव नहीं आता।

दो हजार महिलाओं में करवाए गए इस सर्वे में पूर्णकालिक और अंशकालिक दोनों तरह की काम करने वाली महिलाएं थीं जिनमें से 63 फीसदी ने पुरूष बॉसों पर अपनी सहमति बनाई जबकि सिर्फ 37 प्रतिशत महिलाओं ने ही महिला बॉसों को चुना। पुरूष बॉसों को चुनने के पीछे महिलाओं का तर्क था कि वे महिला बॉसों की अपेक्षा ज्यादा साफ और सीधे बात करने वाले तथा निर्णय लेने में अच्छे होते हैं। प्रतिभागियों ने यह भी कहा कि पुरूष बॉस व्यापार चलाने में सम्पूर्ण दृष्टिनिर्देश रखते हैं जिससे कम्पनी लम्बे समय के लिए उन्नति करती है।

हालांकि सर्वे में यह बात भी सामने आई है कि महिला बॉस कार्यालय के अंदर कर्मचारियों के निजी मसलों को सुलझाने में ज्यादा कारगर होती हैं लेकिन पूरी तरह गाड़ी खींचने के लिए महिलाओं ने पुरूष बॉसों पर ही अपनी इच्छा कायम रखी।

आप भी देखिए दो लेख, यहाँ और यहाँ