दो हजार महिलाओं में करवाए गए इस सर्वे में पूर्णकालिक और अंशकालिक दोनों तरह की काम करने वाली महिलाएं थीं जिनमें से 63 फीसदी ने पुरूष बॉसों पर अपनी सहमति बनाई जबकि सिर्फ 37 प्रतिशत महिलाओं ने ही महिला बॉसों को चुना। पुरूष बॉसों को चुनने के पीछे महिलाओं का तर्क था कि वे महिला बॉसों की अपेक्षा ज्यादा साफ और सीधे बात करने वाले तथा निर्णय लेने में अच्छे होते हैं। प्रतिभागियों ने यह भी कहा कि पुरूष बॉस व्यापार चलाने में सम्पूर्ण दृष्टिनिर्देश रखते हैं जिससे कम्पनी लम्बे समय के लिए उन्नति करती है।
हालांकि सर्वे में यह बात भी सामने आई है कि महिला बॉस कार्यालय के अंदर कर्मचारियों के निजी मसलों को सुलझाने में ज्यादा कारगर होती हैं लेकिन पूरी तरह गाड़ी खींचने के लिए महिलाओं ने पुरूष बॉसों पर ही अपनी इच्छा कायम रखी।
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