सरकारी बीमा कंपनियों के कर्मचारियों को जल्दी ही वेतनवृद्धि का तोहफा मिलने वाला है। इसके तहत सार्वजनिक क्षेत्र की चार साधारण बीमा कंपनियों एवं भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के कर्मियों के वेतन में 17.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने जा रही है। जनरल इंश्योरेंस पब्लिक सेक्टर एसोसिएशन (जिप्सा) के सीईओ एके. सिंघल के मुताबिक इस वृद्धि पर सितंबर के अंत तक सरकार की मंजूरी मिल सकती है। यह वेतन वृद्धि वर्ष 2007 से प्रभावी होगी। इससे पहले बीमाकर्मियों की तनख्वाह वर्ष 2002 में बढ़ी थी, तब इसमें 13 फीसदी का इजाफा हुआ था।
साधारण बीमा कंपनियों- नेशनल इंश्योरेंस, न्यू इंडिया एश्योरेंस, ओरिएंटल इंश्योरेंस और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस ने वित्त मंत्रालय को बीते 17 अगस्त को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इसमें कर्मियों के वेतन में उक्त वृद्धि की सिफारिश की गई है। जिप्सा इन्हीं चारों बीमा कंपनियों का संगठन है। खबरों पर भरोसा किया जाए तो देश की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी एलआईसी ने भी वेतन में बढ़ोतरी को लेकर पिछले सप्ताह अपनी सिफारिशें वित्त मंत्रालय को सौंप दी हैं। मंत्रालय, रिपोर्ट की समीक्षा कर चार-छह सप्ताह में जवाब देगा। वित्त मंत्रालय की मंजूरी मिलने के बाद रिपोर्ट को संसद में पेश किया जाएगा
23 August, 2010
28 April, 2010
46 कामर्शियल बैंकों के लाखों कर्मचारियों के वेतन समझौते पर हुए ह्स्ताक्षर: अगले महीने से मिलना शुरू
बैंककर्मियों के वेतन वृद्धि को लेकर छाई अनिश्चितता खत्म हो गई है। देश के लगभग 46 कामर्शियल बैंकों के लाखों कर्मचारियों की वेतन वृद्धि का रास्ता साफ करते हुए 27 अप्रैल को भारतीय बैंक संघ (आईबीए) और बैंक कर्मचारियों के प्रतिनिधियों के बीच सहमति बन गई है। मुंबई में कई घंटे और कई दौर की बातचीत के बाद बैंक प्रबंधन ने वेतन वृद्धि और पेंशन विकल्प देने के सुझाव को स्वीकार कर लिया है।
इस समझौते पर आईबीए और कर्मचारी यूनियनों के प्रतिनिधियों ने हस्ताक्षर भी कर दिए हैं। इससे बैंकों की वेतन लागत में 17.5 फीसदी की वृद्धि होगी। दूसरी तरफ बैंककर्मियों के वेतन में औसतन 3 हजार से 4 हजार रुपये प्रति महीने की वृद्धि संभावित है। यह वृद्धि नंवबर, 2007 से लागू मानी जाएगी।
बैंकों का मैनेजमेंट नंवबर, 2007 से अप्रैल, 2010 तक की अवधि के लिए वेतन वृद्धि को कुछ किश्तों में देने को तैयार हो गया है। ताजा फैसले के चलते कामर्शियल बैंकों पर सालाना 4 हजार 816 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। इसके अलावा जिन बैंककर्मियों ने पहले पेंशन विकल्प का चुनाव नहीं किया था, उन्हें एक बार फिर से पेंशन विकल्प का चयन करने की सुविधा देने का फैसला किया गया है। पेंशन विकल्प देने के चलते बैंकों पर 6 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। लेकिन इसमें 1800 करोड़ रुपये का अंशदान बैंककर्मियों की तरफ से किया जाएगा। पेंशन विकल्प से लगभग 2.66 लाख बैंक कर्मचारियों व अधिकारियों को फायदा होगा।
बैंककर्मचारियों और आईबीए के बीच किया गया यह समझौता पांच वर्षो के लिए लागू होगा। इसके बाद फिर से नए सिरे से वेतन वृद्धि पर विचार-विमर्श किया जाएगा। कर्मचारियों को नया वेतन मई, 2010 से मिलने लगेगा। इससे दस लाख बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों को फायदा होने की उम्मीद है। यह समझौता सरकारी क्षेत्र के 26, निजी क्षेत्र के 12 और 8 विदेशी बैंकों पर लागू होगा।
इस समझौते पर आईबीए और कर्मचारी यूनियनों के प्रतिनिधियों ने हस्ताक्षर भी कर दिए हैं। इससे बैंकों की वेतन लागत में 17.5 फीसदी की वृद्धि होगी। दूसरी तरफ बैंककर्मियों के वेतन में औसतन 3 हजार से 4 हजार रुपये प्रति महीने की वृद्धि संभावित है। यह वृद्धि नंवबर, 2007 से लागू मानी जाएगी।
बैंकों का मैनेजमेंट नंवबर, 2007 से अप्रैल, 2010 तक की अवधि के लिए वेतन वृद्धि को कुछ किश्तों में देने को तैयार हो गया है। ताजा फैसले के चलते कामर्शियल बैंकों पर सालाना 4 हजार 816 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। इसके अलावा जिन बैंककर्मियों ने पहले पेंशन विकल्प का चुनाव नहीं किया था, उन्हें एक बार फिर से पेंशन विकल्प का चयन करने की सुविधा देने का फैसला किया गया है। पेंशन विकल्प देने के चलते बैंकों पर 6 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। लेकिन इसमें 1800 करोड़ रुपये का अंशदान बैंककर्मियों की तरफ से किया जाएगा। पेंशन विकल्प से लगभग 2.66 लाख बैंक कर्मचारियों व अधिकारियों को फायदा होगा।
बैंककर्मचारियों और आईबीए के बीच किया गया यह समझौता पांच वर्षो के लिए लागू होगा। इसके बाद फिर से नए सिरे से वेतन वृद्धि पर विचार-विमर्श किया जाएगा। कर्मचारियों को नया वेतन मई, 2010 से मिलने लगेगा। इससे दस लाख बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों को फायदा होने की उम्मीद है। यह समझौता सरकारी क्षेत्र के 26, निजी क्षेत्र के 12 और 8 विदेशी बैंकों पर लागू होगा।
16 April, 2010
बीएसएनएल के तीन लाख से अधिक कर्मियों ने 20 अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की घोषणा की
बीएसएनएल के तीन लाख से अधिक कर्मियों ने 20 अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की घोषणा की है। इससे बीएसएनएल का नेटवर्क प्रभावित होने की आशंका है। ये कर्मी बीएसएनएल की 30 फीसदी हिस्सेदारी बेचे जाने संबंधी प्रबंधन के फैसले का विरोध कर रहे हैं। बीएसएनएल के एक्जिक्यूटिव, नॉन-एक्जिक्यूटिव यूनियन व एसोसिएशन के ज्वॉइंट फोरम के संयोजक वीएएन नंबूदरी ने कहा कि प्रबंधन ने अभी तक उनकी बात नहीं सुनी है। इस कारण वे 20 अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहे हैं।
उन्होंने दावा किया कि इस हड़ताल में तीन लाख से अधिक बीएसएनएल कर्मी शामिल होंगे। इससे बीएसएनएल की सेवाओं पर खास असर पड़ सकता है। नौ करोड़ से अधिक ग्राहक संख्या वाले सरकारी उपक्रम बीएसएनएल की कमाई में लगातार गिरावट हो रही है। वर्ष 2008-09 में जहां बीएसएनएल की आय 575 करोड़ रुपए थी। वह वर्ष 2009-10 में दिसंबर तक घटकर 178 करोड़ रुपए रह गई। यूनियन विनिवेश की योजना रद्द किए जाने की मांग कर रही हैं।
उन्होंने दावा किया कि इस हड़ताल में तीन लाख से अधिक बीएसएनएल कर्मी शामिल होंगे। इससे बीएसएनएल की सेवाओं पर खास असर पड़ सकता है। नौ करोड़ से अधिक ग्राहक संख्या वाले सरकारी उपक्रम बीएसएनएल की कमाई में लगातार गिरावट हो रही है। वर्ष 2008-09 में जहां बीएसएनएल की आय 575 करोड़ रुपए थी। वह वर्ष 2009-10 में दिसंबर तक घटकर 178 करोड़ रुपए रह गई। यूनियन विनिवेश की योजना रद्द किए जाने की मांग कर रही हैं।
20 March, 2010
केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 8 फीसदी की बढ़ोतरी
केंद्र सरकार ने बढ़ती महंगाई में केंद्रीय कर्मचारियों को राहत देते हुए महंगाई भत्ते में 8 फीसदी की बढ़ोतरी की है। इससे कुल 40 लाख कर्मचारियों सहित पेंसनरों को भी लाभ होगा।
इससे पहले महंगाई भत्ते में 6 फीसदी तक की बढ़ोतरी होती रही थी। जंप मार्च को प्रधानमंत्री आवास में हुई बैठक के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल ने यह फैसला लिया।
इस बढ़ोतरी के बाद महंगाई भत्ता 27 फीसदी से बढ़कर 35 फीसदी हो जाएगा। इस बढ़ोतरी से कर्मचारियों को उनके वेतन के मुताबिक न्यूनतम 800 रुपए से अधिकतम 8 हजार रुपए तक का फायदा होगा।
इससे पहले महंगाई भत्ते में 6 फीसदी तक की बढ़ोतरी होती रही थी। जंप मार्च को प्रधानमंत्री आवास में हुई बैठक के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल ने यह फैसला लिया।
इस बढ़ोतरी के बाद महंगाई भत्ता 27 फीसदी से बढ़कर 35 फीसदी हो जाएगा। इस बढ़ोतरी से कर्मचारियों को उनके वेतन के मुताबिक न्यूनतम 800 रुपए से अधिकतम 8 हजार रुपए तक का फायदा होगा।
16 March, 2010
हफ्ते में 40 घण्टे काम कीजिए: कब करना है यह आप पर छोड़ा गया
अगर आप गृह मंत्रालय में काम कर रहे हैं तो मन मसोस कर बार-बार घड़ी को देखना नहीं पड़ेगा। दरअसल, गृह मंत्रालय ने फ्लेक्सी आवर्स की नई योजना को मंजूरी दी है, जिसके तहत आपको अगर दफ्तर पहुंचने में देर हो जाती हैं या शाम को वक्त से पहले दफ्तर से निकलना चाहते हैं, तो आपको इसकी इजाजत होगी।
लेकिन आपको हफ्ते में कुल मिलाकर 40 घण्टे काम करना पड़ेगा।
गृह सचिव जी.के. पिल्लई ने एक आदेश में कहा है कि देर से आने या वक्त से पहले जाने की भरपाई काम के अतिरिक्त घण्टे से की जानी है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि समूचे हफ्ते का 40 घण्टे का कार्यकाल पूरा हो।
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