27 February, 2009
मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को केंद्र के समान वेतनमान अप्रैल से?
छठे वेतनमान का लाभ देने पर सरकार पर अब ज्यादा बोझ नहीं आएगा। 20 फीसदी राशि एक सितम्बर 2008 से दी जा रही है, जबकि वेतनमान का पूरा लाभ देने पर उस पर करीब 25 प्रतिशत का बोझ आ रहा है। अंतरिम राहत का बीस प्रतिशत पहले से देने के कारण अब उस पर अधिकतम पांच प्रतिशत का ही बोझ आयेगा।
केंद्रीय कर्मचारियों का DA 6 फीसदी बढ़ा
चिदंबरम के मुताबिक अगले वित्त वर्ष 2009-10 में 5149 करोड़ रुपये और जनवरी से लेकर कुल 15 महीनों के लिए 6020 करोड़ रुपये का बोझ आएगा। देश में करीब 40 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 30 लाख पेंशनधारी हैं।
25 February, 2009
टाटा ने 90 फीसदी कर्मियों वापस लिये
ज्ञातव्य है कि उत्पादन के मार्च 2008 में प्रतिदिन 450 इकाई से गिर कर हाल में लगभग 100 इकाई प्रतिदिन से भी नीचे चले जाने के कारण संयंत्र को नवंबर और दिसंबर माह में दो-दो बार तथा जनवरी में एक बार बंद किया जा चुका है। मंदी जनित ऋण संकट के चलते मांग में आई गिरावट का हवाला देते हुए पिछले कुछ माह में संयंत्र के सभी अस्थाई कर्मियों को चरणबद्ध तरीके से काम से हटा दिया गया था।
24 February, 2009
कर्मचारी पेंशन स्कीम में सरकारी योगदान बढ़ाने की सिफारिश नामंजूर
ईपीएस 1995 ऐसी योजना है, जिसमें कर्मचारियों और नियोक्ता को योगदान करना पड़ता है। फिलहाल सेवानिवृत्ति के लिए बचत करने की जो व्यवस्था है, उसमें गैर-सरकारी क्षेत्र के कर्मचारियों को अपने वेतन का 12 फीसदी हिस्सा कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) में जमा करना पड़ता है। फंड में इसके बराबर राशि ही नियोक्ता भी जमा करता है। हालांकि नियोक्ता की यह 12 फीसदी राशि दो हिस्सों में विभाजित होती है। इस राशि में से 8.33 फीसदी हिस्सा कर्मचारी पेंशन योजना (अधिकतम 540 रुपए प्रति माह) और शेष राशि ईपीएफ में चली जाती है। ईपीएस के तहत सदस्य यानी कर्मचारी से कोई योगदान नहीं लिया जाता। सरकार कर्मचारी के पेंशन फंड में 1.16 फीसदी राशि देती है।
इकोनोमिक टाइम्स में आयी ख़बर कहती है कि श्रम मामलों पर गठित संसद की स्थायी समिति ने इस बात पर गौर किया कि पिछले 14 साल से पेंशन योजना में न तो नियोक्ता का योगदान बढ़ रहा है, न ही सरकार का। अपनी 39वीं रिपोर्ट में समिति ने साफ तौर पर यह सुझाव दिया है कि योगदान के फॉर्मूले में समय-समय पर संशोधन होना चाहिए और सरकार का योगदान नियोक्ता का कम से कम आधा तो होना ही चाहिए। रिपोर्ट में कहा गया है कि जब यह जानने का प्रयास किया गया कि ईपीएस में योगदान के मामले में सरकार संशोधन करने में विफल क्यों रही तो मंत्रालय के अधिकारियों का कहना था कि सरकारी योगदान बढ़ाने फिलहाल उन्हें कोई प्रस्ताव नहीं मिला है। इसकी जगह मंत्रालय का तर्क था कि प्रतिशत योगदान में संशोधन न होने के बावजूद पेंशन योजना में सरकार का योगदान बढ़ रहा है।
ईपीएस 1995 पर विपरीत असर पड़ने की संभावना से ही सरकार ने ईपीएफ योजना के तहत कवर होने वाले वेतन की सीमा 6,500 रुपए में कोई संशोधन नहीं किया है। रिपोर्ट में कहा गया है, 'ईपीएफ के वेतन की सीमा बढ़ाने से ईपीएस योजना पर गहरा असर पड़ सकता है। इस तरह जब तक पेंशन योजना के प्रभाव को पूरी तरह से संभाला नहीं जा सकता, वेतन सीमा बढ़ाना उपयुक्त नहीं होगा।' अपने जवाब में सरकार ने कहा है, 'जून, 2001 से पेंशन पात्रता वेतन सीमा 5,000 रुपए से बढ़ाकर 6,500 रुपए करके सरकार ने पहले ही अपनी देनदारी करीब 10,000 करोड़ रुपए बढ़ा दी है और जब भी फिर उपयुक्त परिस्थिति आएगी वेतन की सीमा और बढ़ाई जा सकती है।'
कर्मचारी भविष्य निधि अधिनियम 1952 के तीन सबऑर्डिनेट कानूनों में से एक ईपीएस भी है जो 16 नवंबर 1995 से लागू हुआ है। मंत्रालय के एक दूसरे संगठन कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) ने कर्मचारियों के बदलते स्तर को स्वीकारते हुए अपनी योजना के कवरेज की वेतन सीमा बढ़ाकर 10,000 रुपए कर दी है, लेकिन ईपीएफओ ने अभी तक ऐसा नहीं किया है।
(समाचार अंश: इकोनोमिक टाइम्स से साभार)
23 February, 2009
ईपीएफ ब्याज दर 8.5 फीसदी पर यथावत
सरकार भविष्य निधि पर ब्याज दर की घोषणा आम तौर पर दिसंबर के अंत तक कर देती है, लेकिन कर्मचारी संगठनों के विरोध के कारण निर्णय लेने में देरी हुई। कर्मचारी संगठनों ने ब्याज दर 9.5 प्रतिशत करने की मांग की थी। बैठक में श्रमिक संगठनों ने श्रम मंत्री के इस फैसले का विरोध किया, पर ऑस्कर ने आर्थिक सुस्ती का हवाला देते हुए कहा कि फिलहाल सरकार पर ज्यादा बोझ न डाला जाए।
17 February, 2009
आज स्टेट बैंक के सहयोगी बैंकों में हड़ताल
State Sector Bank Employees Association के महासचिव नरेश गौर के अनुसार स्टेट बैंक प्रबंधन के साथ वार्ता विफल होने के बाद हड़ताल का आह्वान किया गया है। All India State Bank of Indore Officers Co-ordination Commitee के सदस्य अलोक खरे के अनुसार कर्ज व ब्याज संबंधी लाभों में भेदभाव के खिलाफ कर्मचारी हड़ताल पर जा रहे हैं।
16 February, 2009
कोयला कर्मचारियों के वेतन समझौते पर रोक लगाने की माँग
कोयला उद्योग कामगार संघर्ष समन्वय समिति के संरक्षक पीओ जोश ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस से कामगारों के जेबीसीसीआइ-8 पर रोक लगाने की मांग की है। उनका कहना है कि कोल इंडिया में चुनाव होना चाहिए। कामगारों द्वारा चुनकर आने वाले को ही समझौता करने का अधिकार मिलना चाहिए। उन्होंने गत 24 जनवरी को हुए समझौते को गैर संवैधानिक एवं गलत करार दिया। लिखे पत्र के साथ प्रमाण के तौर पर कई दस्तावेज भी दिये हैं। जोश ने लिखा है कि कोल इंडिया ने किसी भी श्रमिक संगठन को मान्यता नहीं दी है। यहां लोकतांत्रिक तौर पर यूनियनों का कभी चुनाव नहीं हुआ। ऐसे में गलत लोगों द्वारा यह समझौता किया गया है। यह समझौता कामगारों की भावना के अनुरूप भी नहीं है। सवा चार लाख में करीब साढ़े तीन लाख कामगार दस साल का समझौता चाहते हैं।
उन्होंने चेयरमैन को भी हस्ताक्षरयुक्त पत्र भेजा है। उनके द्वारा पूर्व में किये गये कई समझौते लागू ही नहीं हो पाये हैं। प्रबंधन के साथ मिलकर मन मुताबिक समझौता करते हैं। ऐसे में इसकी कोई अहमियत नहीं है। जेबीसीसीआइ का गठन सरकार करती है। इसके बाद भी पूरी बैठक में कोई सरकारी अधिकारी मौजूद नहीं होता। समझौता के वक्त सिर्फ औपचारिकता निभाने के लिए वह आ जाते हैं।
हरियाणा श्रम कल्याण बोर्ड की बैठक के फैसले
श्रमिक महिलाओं को 5 हजार रुपए मातृत्व लाभ के तौर पर दिए जाएंगे। श्रमिक की मृत्यु पर 500 रुपए की अंत्येष्टि सहायता भी दी जाएगी। साकेत अस्पताल से दंत चिकित्सा, कृत्रिम अंगों व तिपहिया साइकिलों की खरीद के लिए 1200 रुपए की मदद दी जाएगी। श्रमिकों के बच्चों को हारट्रोन से मान्यता प्राप्त संस्थान से कम्प्यूटर का प्रशिक्षण हासिल करने के लिए 2 से 9 हजार रुपए तक की वित्तीय सहायता दी जाएगी। पांचवीं से आठवीं कक्षा तक पढ़ने वाली तीन लड़कियों तक स्कूल वर्दी, किताब व कापियों की खरीद के लिए हरेक को दो-दो हजार की मदद मिलेगी। आठवीं से पोस्ट ग्रेजुएट तक हर साल दो हजार से ले कर 12 हजार रुपए तक का वजीफा देने का भी फैसला किया गया है।
11 February, 2009
रिजर्व बैंक के कर्मचारी 20 फरवरी को देश भर में एक दिन की हड़ताल पर
अखिल भारतीय रिजर्व बैंक कर्मचारी संघ के सचिव के के शर्मा ने इस हड़ताल की मुख्य वजह वित्ता मंत्रालय की ओर से केंद्रीय बैंक द्वारा जारी एक आंतरिक सर्कुलर को बताया है। इसमें नवंबर 1997 से पूर्व सेवानिवृत्ति पाने वालों से नई पेंशन योजना को वापस लेने की बात कही गई है। सर्कुलर में आरबीआई के रिटायर हो चुके कर्मचारियों की पेंशन में भारी कमी की घोषणा की गई है। पिछले साल अक्टूबर में भी केंद्रीय बैंक के कर्मचारियों ने इसी मुद्दे पर देशव्यापी हड़ताल की थी।
10 February, 2009
बिहार में कर्मचारियों की हड़ताल खत्म
फिलहाल अभी यह नहीं पता चल पाया है कि सरकार व कर्मचारियों के बीच क्या फैसला हुआ, जिस आधार पर हड़ताल समाप्त करने की घोषणा की गई है।