कोयला उद्योग कामगार संघर्ष समन्वय समिति के संरक्षक पीओ जोश ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस से कामगारों के जेबीसीसीआइ-8 पर रोक लगाने की मांग की है। उनका कहना है कि कोल इंडिया में चुनाव होना चाहिए। कामगारों द्वारा चुनकर आने वाले को ही समझौता करने का अधिकार मिलना चाहिए। उन्होंने गत 24 जनवरी को हुए समझौते को गैर संवैधानिक एवं गलत करार दिया। लिखे पत्र के साथ प्रमाण के तौर पर कई दस्तावेज भी दिये हैं। जोश ने लिखा है कि कोल इंडिया ने किसी भी श्रमिक संगठन को मान्यता नहीं दी है। यहां लोकतांत्रिक तौर पर यूनियनों का कभी चुनाव नहीं हुआ। ऐसे में गलत लोगों द्वारा यह समझौता किया गया है। यह समझौता कामगारों की भावना के अनुरूप भी नहीं है। सवा चार लाख में करीब साढ़े तीन लाख कामगार दस साल का समझौता चाहते हैं।
उन्होंने चेयरमैन को भी हस्ताक्षरयुक्त पत्र भेजा है। उनके द्वारा पूर्व में किये गये कई समझौते लागू ही नहीं हो पाये हैं। प्रबंधन के साथ मिलकर मन मुताबिक समझौता करते हैं। ऐसे में इसकी कोई अहमियत नहीं है। जेबीसीसीआइ का गठन सरकार करती है। इसके बाद भी पूरी बैठक में कोई सरकारी अधिकारी मौजूद नहीं होता। समझौता के वक्त सिर्फ औपचारिकता निभाने के लिए वह आ जाते हैं।
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