श्री चिदंबरम ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि इस फैसले से सरकारी उपक्रमों (PSU) के चार लाख कर्मचारियों को सीधे फायदा होगा। खास तौर पर लाभ अर्जित करने वाले उपक्रमों के कर्मचारियों को सबसे ज्यादा फायदा होगा। कर्मचारियों के मूल वेतन में वृद्धि के साथ ही उनके आवासीय भत्ते और पेंशन भुगतान में भी वृद्धि होगी। महंगाई भत्ते का 50 फीसदी हिस्सा मूल वेतन में जोड़ने के फैसले को पहली जनवरी, 2007 से लागू माना जाएगा।
सेवानिवृत्ति के बाद के भुगतान को जोड़ने के लिए मूल वेतन और महंगाई भत्ते के योग की 30 फीसदी सीमा को आधार माना जाएगा। भत्ते वगैरह के भुगतान की अवधि 26 नवंबर, 2008 से लागू मानी जाएगी।
सरकारी सूत्रों का कहना है कि अगर समस्त वृद्धि का योग निकाला जाए तो 100 रुपये के मूल वेतन में 28 रुपये प्रति महीने की वृद्धि होती है। मालूम हो कि सरकारी कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि पर सुझाव देने के लिए सरकार ने पहले जगन्नाथ राव समिति बनाई थी। राव समिति की रिपोर्ट के बाद सरकार ने पीएसयू कर्मियों के वेतन में वृद्धि का फैसला किया था, लेकिन इस पर नवरत्न कंपनियों के कर्मचारी राजी नहीं थे। विरोध में तेल कंपनियों के अफसरों ने हड़ताल भी की। इसको देखते हुए चिंदबरम की अध्यक्षता में समिति बनाई गई। पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्रालय मुरली देवड़ा भी इसके सदस्य थे। कुछ हफ्ते पहले देवड़ा ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर यह आग्रह किया था कि मसले पर शीघ्रता से फैसला किया जाए।