नकदी के संकट से जूझ रही एयर इंडिया ने अपने कर्मचारियों के लिए बिना वेतन के स्वैच्छिक अवकाश की घोषणा की है। साथ ही प्रबंधन और यूनियन के प्रतिनिधियों को लेकर एक समिति का गठन किया गया है जो इस सरकारी एयरलाइंस को बदहाली से उबारने के उपाय सुझाएगी।
एयर इंडिया की ओर से जारी नोटिस में कहा गया कि योजना के तहत स्थाई कर्मचारी दो साल तक के लिए बिना वेतन या भत्ते के अवकाश पर जा सकते हैं और दोबारा उसी पद पर लौट सकते हैं, जहां से वे छुट्टी पर गए थे।
27 June, 2009
एयर इंडिया कर्मचारियों का वेतन भुगतान में देरी के विरोध में धरना
एक पखवाड़े तक वेतन टाले जाने के फैसले के विरोध में एयर इंडिया के कर्मचारियों ने प्रबंधन के खिलाफ शुक्रवार को हवाई अड्डे पर धरना दिया। एविएशन इंडस्ट्री इम्प्लायज गिल्ड (AIEG) के क्षेत्रीय महासचिव वी. जे. डेका ने बताया कि इंडिया के कर्मचारियों ने देश भर में अपने संबंधित स्टेशनों पर धरना दिया। उन्होंने कहा कि विरोध हमारे वेतन को एक पखवाड़े तक के लिये टाले जाने के प्रबंधन के फैसले के खिलाफ है। एयर इंडिया के तीन कर्मचारी संगठन एआईईजी, एयर कॉरपोरेशन एंप्लॉयीज यूनियन (ACEU) और इंडियन एयरक्राफ्ट टेक्नीशियंस असोसिएशन (IATA)ने इससे पहले 22 से 25 जून तक विरोध स्वरूप काला बिल्ला लगाने का फैसला किया था।
यूनियन का कहना था कि अगर प्रबंधन 30 जून को वेतन देने में विफल रहता है तो करीब 24,000 कर्मचारी 'वेतन नहीं, काम नहीं' के तहत अपनी ड्यूटी का बहिष्कार करेंगे।
यूनियन का कहना था कि अगर प्रबंधन 30 जून को वेतन देने में विफल रहता है तो करीब 24,000 कर्मचारी 'वेतन नहीं, काम नहीं' के तहत अपनी ड्यूटी का बहिष्कार करेंगे।
24 June, 2009
कोल इंडिया में अब अधिकतम 10 लाख रुपए तक ग्रेच्युटी
कोल इंडिया के कर्मचारियों और अधिकारियों को 3.50 लाख की जगह अब अधिकतम 10 लाख रुपए तक ग्रेच्युटी मिलेगी। इससे पहले यह सीमा साढ़े तीन लाख तक की थी। इससे कोल इंडिया के 4.50 लाख और एसईसीएल के करीब 80 हजार कर्मचारियों को लाभ मिलेगा।
कोल इंडिया के अफसरों की तनख्वाह बढ़ाने के महीने भर बाद ही कर्मचारियों और अधिकारियों को दूसरी सौगात मिली है कि ग्रेच्युटी की राशि करीब तीन गुना बढ़ा दी गई है। पूर्व में रिटायरमेंट या अन्य किसी कारण से सेवामुक्त होने पर कर्मचारियों को उनकी उपस्थिति के आधार पर अधिकतम साढ़े तीन लाख रुपए तक ग्रेच्युटी दी जाती थी। राष्ट्रीय कोयला वेतन समझौता-8 के अंतर्गत अब यह राशि अधिकतम 10 लाख तक मिलेगी।
कोल इंडिया से इस आशय के बारे में आदेश, प्रबंधन को मिल गए हैं। भविष्य में जो भी कर्मचारी या अधिकारी सेवामुक्त या फिर सेवानिवृत्त होंगे, उन्हें ग्रेच्युटी एक्ट के प्रावधानों को पूरा करने पर नए नियमों के अनुसार ग्रेच्युटी की राशि मिलेगी। उल्लेखनीय है कि कोल इंडिया ने अफसरों की तनख्वाह 30 फीसदी तक बढ़ाने का आदेश माह भर पूर्व जारी किया था।
उन्हें 1 जनवरी 2007 से एरियर्स दिया जाएगा। इसके बाद यह फैसला उनके लिए दूसरी सौगात होगा।
कोल इंडिया के अफसरों की तनख्वाह बढ़ाने के महीने भर बाद ही कर्मचारियों और अधिकारियों को दूसरी सौगात मिली है कि ग्रेच्युटी की राशि करीब तीन गुना बढ़ा दी गई है। पूर्व में रिटायरमेंट या अन्य किसी कारण से सेवामुक्त होने पर कर्मचारियों को उनकी उपस्थिति के आधार पर अधिकतम साढ़े तीन लाख रुपए तक ग्रेच्युटी दी जाती थी। राष्ट्रीय कोयला वेतन समझौता-8 के अंतर्गत अब यह राशि अधिकतम 10 लाख तक मिलेगी।
कोल इंडिया से इस आशय के बारे में आदेश, प्रबंधन को मिल गए हैं। भविष्य में जो भी कर्मचारी या अधिकारी सेवामुक्त या फिर सेवानिवृत्त होंगे, उन्हें ग्रेच्युटी एक्ट के प्रावधानों को पूरा करने पर नए नियमों के अनुसार ग्रेच्युटी की राशि मिलेगी। उल्लेखनीय है कि कोल इंडिया ने अफसरों की तनख्वाह 30 फीसदी तक बढ़ाने का आदेश माह भर पूर्व जारी किया था।
उन्हें 1 जनवरी 2007 से एरियर्स दिया जाएगा। इसके बाद यह फैसला उनके लिए दूसरी सौगात होगा।
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23 June, 2009
एयर इंडिया अपने कर्मचारियों के वेतन में कमी करेगी
एयर इंडिया ने आज साफ कर दिया कि वह अपने कर्मचारियों के वेतन में कमी करेगी। लेकिन एक भी कर्मचारी की छंटनी नहीं होगी। कम्पनी ने ऐलान किया है कि वेतन में कमी और दूसरे गैर-जरूरी खर्चों में कटौती कर उसका 500 करोड़ रुपए बचाने का लक्ष्य है। एयर इंडिया प्रबंधन और कर्मचारी यूनियन के बीच हुई बातचीत में कर्मचारियों के खर्च से यह कटौती करने की बात तय हुई है।
खर्चों में कटौती के लिए एयर इंडिया ने एक नई समिति बनाई है, जिसमेंमानव संसाधन और वित्तीय विभाग के अधिकारी शामिल हैं। यह देखेगी कि किस तरह से यह कटौती की जा सकती है। यह समिति 15 जुलाई तक अपनी रिपोर्ट दे देगी और उसके सुझावों पर जल्द से जल्द अमल करने की कोशिश की जाएगी। वैसे मंदी की मार सहती कम्पनी भारी घाटे से गुजर रही है। पिछले साल कम्पनी को 4,000 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था। वहीं इस साल एयर इंडिया को हर रोज 14-15 करोड़ रुपए का घाटा हो रहा है।
वैसे फिलहाल फंड संबंधित दिक्कतों का सामना करती एयर इंडिया की कर्मचारी संख्या 31,000 है।
खर्चों में कटौती के लिए एयर इंडिया ने एक नई समिति बनाई है, जिसमेंमानव संसाधन और वित्तीय विभाग के अधिकारी शामिल हैं। यह देखेगी कि किस तरह से यह कटौती की जा सकती है। यह समिति 15 जुलाई तक अपनी रिपोर्ट दे देगी और उसके सुझावों पर जल्द से जल्द अमल करने की कोशिश की जाएगी। वैसे मंदी की मार सहती कम्पनी भारी घाटे से गुजर रही है। पिछले साल कम्पनी को 4,000 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था। वहीं इस साल एयर इंडिया को हर रोज 14-15 करोड़ रुपए का घाटा हो रहा है।
वैसे फिलहाल फंड संबंधित दिक्कतों का सामना करती एयर इंडिया की कर्मचारी संख्या 31,000 है।
15 June, 2009
NJCS की बैठक कल: किसी नतीजे पर पहुँचने की उम्मीदें बढ़ीं
एनजेसीएस की बैठक 16 जून को नई दिल्ली में है। इसमें वेतन पुनर्निर्धारण पर ही चर्चा होगी। अधिकांश यूनियन नेताओं को इस बैठक में वेज रिवीजन फाइनल हो जाने की उम्मीद है। पिछली बैठक में मैनेजमेंट ने बेसिक व डीए का 25 फीसदी मिनिमम गारण्टेड बेनिफिट देने का आफर दिया था। यूनियन नेताओं ने इसे बढ़ाने की मांग की और बात नहीं बनी। आखिरकार मामला अगली बैठक के लिए टल गया। मंगलवार को होने वाली बैठक कहीं फिर बेनतीजा समाप्त तो नहीं होगी? इस सवाल पर कुछ केंद्रीय यूनियन नेता फिलहाल अपना नाम प्रकाशित न करने के अनुरोध के साथ बताते हैं कि इस बार की बैठक में उन्हें ठोस नतीजे की उम्मीद है।
उनके अनुसार प्रबंधन पहले केवल मूल वेतन पर ही मिनिमम गारण्टेड बेनिफिट का आफर दे रहा था लेकिन उसने पिछली बैठक में बेसिक व डीए पर एमजीबी का आफर दिया। यह एक अच्छा संकेत है और यूनियन नेताओं की बड़ी जीत है। यूनियन नेताओं के अनुसार मैनेजमेंट पिछली बैठक में यूनियन की मांग के काफी करीब पहुंच गया था। अब उस पर और थोड़ा दबाव बनाने की जरूरत है। यदि वह 30 प्रतिशत मिनिमम गारण्टेड बेनिफिट देने के लिए इस बैठक में सहमत हो जाता है तो बात बन सकती है जिसकी संभावना ज्यादा नजर आ रही है।
कुछ यूनियन नेताओं का अयह भी कहना है कि वे अफसरों के वेतन पुनर्निर्धारण का भी इंतजार कर रहे थे। यदि अफसरों का वेतन पुनर्निर्धारण हो जाता तो उनके न्यूनतम मूल वेतन के आधार पर कर्मियों के लिए भी दबाव बनाना ज्यादा कारगार रहता। अब तक अफसरों का वेज रिवीजन नहीं होने से वे बहुत ज्यादा दबाव बनाने की स्थिति में नहीं हैं।
कुछ यूनियन नेताओं का अयह भी कहना है कि वे अफसरों के वेतन पुनर्निर्धारण का भी इंतजार कर रहे थे। यदि अफसरों का वेतन पुनर्निर्धारण हो जाता तो उनके न्यूनतम मूल वेतन के आधार पर कर्मियों के लिए भी दबाव बनाना ज्यादा कारगार रहता। अब तक अफसरों का वेज रिवीजन नहीं होने से वे बहुत ज्यादा दबाव बनाने की स्थिति में नहीं हैं।
पिछले वेतन पुनर्निर्धारण में अफसरों व कर्मियों के बीच वेतन ढ़ाँचे में बहुत ज्यादा अंतर हो गया था। कर्मी उम्मीद कर रहे हैं कि इस वेज रिवीजन में उस अंतर की कुछ हद तक भरपाई हो सकेगी। वैसे प्रबंधन ने पिछली बैठक में जो प्रस्ताव दिया था उसके हिसाब से गणना करने पर न्यूनतम मूल वेतन 8102 रुपए होता है। इस बेसिक को यूनियन नेता और कितना बढ़वा पाते हैं यह मंगलवार की बैठक में ही स्पष्ट हो सकेगा। यूनियन नेताओं की उम्मीदों के विपरीत अगर बैठक बेनतीजा समाप्त हुई तो कर्मियों को फिर एक बार निराश होना पड़ेगा। वरना अफवाहों पर ध्यान दिया जाये तो 22 जून से भुगतान की भी बातें चल रहीं!
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एयर इंडिया के कर्मचारियों के वेतन भुगतान में देरी
धन की कमी के चलते एयर इंडिया के कर्मचारियों को इस महीने का वेतन एक पखवाड़े की देरी से मिल पाएगा। इख़ॉनॉमिक टाइम्स के मुताबिक इस सार्वजनिक विमानन कंपनी के प्रवक्ता ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा,' कंपनी में संसाधनों की कमी के कारण जून माह का वेतन 15 जुलाई तक दिया जाएगा।'
08 June, 2009
फिर बिज़नेस क्लास में एलटीसी
एलटीसी पर सफर करने वाले नौकरशाह दोबारा राजसी हवाई यात्रा का मजा ले सकेंगे। कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DOPT) ने उन्हें फिर से हवाई जहाज के बिजनेस क्लास में यात्रा करने की मंजूरी दे दी है। छह महीने पहले वित्त मंत्रालय ने बिजनेस क्लास में उनकी यात्रा पर रोक लगाते हुए उन्हें सस्ते इकोनामी क्लास में यात्रा करने के निर्देश दिए थे।
डीओपीटी द्वारा जारी नए आदेश के तहत अधिकारी और उनके परिवार के लोग एलटीसी पर किसी भी एयरलाइन के बिजनेस क्लास में सफर कर सकते हैं। बशर्ते उसका किराया एयर इंडिया के बिजनेस क्लास के बराबर या उससे कम हो। आदेश में कहा गया है कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय बिजनेस क्लास में सफर करने के लिए एलटीसी 80 की तर्ज पर कोई स्कीम ला सकता है। यह निर्णय वित्त मंत्रालय की सलाह के बाद लिया गया है।
डीओपीटी द्वारा जारी नए आदेश के तहत अधिकारी और उनके परिवार के लोग एलटीसी पर किसी भी एयरलाइन के बिजनेस क्लास में सफर कर सकते हैं। बशर्ते उसका किराया एयर इंडिया के बिजनेस क्लास के बराबर या उससे कम हो। आदेश में कहा गया है कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय बिजनेस क्लास में सफर करने के लिए एलटीसी 80 की तर्ज पर कोई स्कीम ला सकता है। यह निर्णय वित्त मंत्रालय की सलाह के बाद लिया गया है।
02 June, 2009
उत्तर प्रदेश के कर्मचारियों को जनवरी 2009 से 22% मंहगाई भत्ता
उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी पूर्णकालिक नियमित राज्य कर्मचारियों, सहायता प्राप्त शिक्षण एवं प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं, शहरी स्थानीय निकायों के नियमित एवं पूर्णकालिक कर्मचारियों तथा यूजीसी वेतनमानों में कार्यरत पदधारकों के लिए महंगाई भत्ते की संशोधित दरों का शासनादेश जारी कर दिया है। संशोधित दर पर महंगाई भत्ता पहली जनवरी 2009 से देय होगा और यह मूल वेतन का 22 प्रतिशत होगा।
शासनादेश में यह भी कहा गया है कि स्वीकृत महंगाई भत्ता उन कर्मचारियों, शिक्षकों को भी, जो प्रभावी होने की तिथि [एक जनवरी 2009] को सेवारत थे लेकिन शासनादेश जारी होने से पूर्व किन्हीं कारणों- चाहे अनुशासनिक कार्रवाई के कारण, मृत्यु के कारण या इस्तीफा देने के कारण समाप्त हो गई हैं, सेवा समाप्ति की तिथि तक अनुमन्य होगा।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि महंगाई भत्ते के आगणन के लिए मूल वेतन का तात्पर्य एक जनवरी 2008 से लागू, पुनरीक्षित वेतन संरचना में कर्मचारियों का अनुमन्य वेतन बैंड में वेतन तथा अनुमन्य ग्रेड वेतन के योग से होगा किन्तु नियमित वेतनमान में अनुमन्य वेतन ही मूल वेतन माना जाएगा। विशेष वेतन, सीमान्त विशेष वेतन, भत्ता, वैयक्तिक वेतन, प्रतिनियुक्ति भत्ता, वेतन आदि भले ही मूल नियम के अंतर्गत वेतन की परिभाषा में आते हों, को मूल वेतन के साथ शामिल नहीं किया जाएगा। प्रैक्टिस वेतन भत्ता को वेतन का अंश माना जाएगा।
पहली जनवरी से 31 मई तक देय महंगाई भत्ता भविष्य निधि खाते में डाल दिया जायेगा। इसे पहली जनवरी से ही भविष्य निधि खाते में जमा माना जायेगा। जून से देय महंगाई भत्ता जुलाई से नकद मिलने लग जाएगा। जिन कर्मियों की सेवाएं इस शासनादेश के जारी होने की तिथि से पूर्व समाप्त हो गई हों या जो अधिवर्षता की आयु पर 31 मार्च 2010 तक सेवा निवृत्त होने वाले हों, उनको देय महंगाई भत्ते की बकाये धनराशि का भुगतान नकद किया जाएगा।
शासनादेश में यह भी कहा गया है कि स्वीकृत महंगाई भत्ता उन कर्मचारियों, शिक्षकों को भी, जो प्रभावी होने की तिथि [एक जनवरी 2009] को सेवारत थे लेकिन शासनादेश जारी होने से पूर्व किन्हीं कारणों- चाहे अनुशासनिक कार्रवाई के कारण, मृत्यु के कारण या इस्तीफा देने के कारण समाप्त हो गई हैं, सेवा समाप्ति की तिथि तक अनुमन्य होगा।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि महंगाई भत्ते के आगणन के लिए मूल वेतन का तात्पर्य एक जनवरी 2008 से लागू, पुनरीक्षित वेतन संरचना में कर्मचारियों का अनुमन्य वेतन बैंड में वेतन तथा अनुमन्य ग्रेड वेतन के योग से होगा किन्तु नियमित वेतनमान में अनुमन्य वेतन ही मूल वेतन माना जाएगा। विशेष वेतन, सीमान्त विशेष वेतन, भत्ता, वैयक्तिक वेतन, प्रतिनियुक्ति भत्ता, वेतन आदि भले ही मूल नियम के अंतर्गत वेतन की परिभाषा में आते हों, को मूल वेतन के साथ शामिल नहीं किया जाएगा। प्रैक्टिस वेतन भत्ता को वेतन का अंश माना जाएगा।
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