पहली जनवरी से 31 मई तक देय महंगाई भत्ता भविष्य निधि खाते में डाल दिया जायेगा। इसे पहली जनवरी से ही भविष्य निधि खाते में जमा माना जायेगा। जून से देय महंगाई भत्ता जुलाई से नकद मिलने लग जाएगा। जिन कर्मियों की सेवाएं इस शासनादेश के जारी होने की तिथि से पूर्व समाप्त हो गई हों या जो अधिवर्षता की आयु पर 31 मार्च 2010 तक सेवा निवृत्त होने वाले हों, उनको देय महंगाई भत्ते की बकाये धनराशि का भुगतान नकद किया जाएगा।
शासनादेश में यह भी कहा गया है कि स्वीकृत महंगाई भत्ता उन कर्मचारियों, शिक्षकों को भी, जो प्रभावी होने की तिथि [एक जनवरी 2009] को सेवारत थे लेकिन शासनादेश जारी होने से पूर्व किन्हीं कारणों- चाहे अनुशासनिक कार्रवाई के कारण, मृत्यु के कारण या इस्तीफा देने के कारण समाप्त हो गई हैं, सेवा समाप्ति की तिथि तक अनुमन्य होगा।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि महंगाई भत्ते के आगणन के लिए मूल वेतन का तात्पर्य एक जनवरी 2008 से लागू, पुनरीक्षित वेतन संरचना में कर्मचारियों का अनुमन्य वेतन बैंड में वेतन तथा अनुमन्य ग्रेड वेतन के योग से होगा किन्तु नियमित वेतनमान में अनुमन्य वेतन ही मूल वेतन माना जाएगा। विशेष वेतन, सीमान्त विशेष वेतन, भत्ता, वैयक्तिक वेतन, प्रतिनियुक्ति भत्ता, वेतन आदि भले ही मूल नियम के अंतर्गत वेतन की परिभाषा में आते हों, को मूल वेतन के साथ शामिल नहीं किया जाएगा। प्रैक्टिस वेतन भत्ता को वेतन का अंश माना जाएगा।
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