विश्वविद्यालयों के शिक्षकों को नए साल में बढ़ी तनख्वाह का भारी भरकम उपहार मिला है। रीडर की तनख्वाह जबरदस्त उछाल के साथ 75 हजार रुपये के पार हो गई है, जबकि प्रारंभिक स्तर पर विश्वविद्यालय के शिक्षकों को एक IAS से भी ज्यादा वेतन मिलेगा। एक अनुमान के मुताबिक शिक्षकों की तनख्वाह में 14 से लेकर 33 हजार रुपये प्रतिमाह तक का इजाफा हुआ है। केंद्र सरकार ने विश्वविद्यालयों के शिक्षकों के लिए नए वेतनमान से संबंधित अधिसूचना जारी कर दी है और शिक्षक फरवरी में नए वेतनमान की उम्मीद कर रहे हैं।
अब विश्वविद्यालयों और कॉलिजों में पदों को नया नाम देकर इनकी संख्या तीन तक सीमित कर दी गई है। लेक्चरर को असिस्टेंट प्रोफ़ेसर और रीडर को असोसिएट प्रोफेसर के नाम से जाना जाएगा जबकि तीसरा पद प्रोफेसर का ही होगा। सबसे अधिक फायदा रीडर को हुआ है।
1-1-2006 को रीडर के रूप में या रीडर ग्रेड में तीन साल पूरे करने वाले शिक्षक अपने आप ही असोसिएट प्रोफ़ेसर बन जाएंगे। नवभारत टाइम्स में भूपेंद्र की रिपोर्ट है कि उन्हें 37,400-67,000 (ग्रेड पे 9,000 के साथ) का वेतनमान मिलेगा। एक अनुमान के मुताबिक तीन साल रीडर के रूप में कार्य करने वाले पीएचडी धारक शिक्षक को 76 हजार रुपये के आसपास मिलेंगे, जबकि अभी तक उन्हें 42 से 44 हजार रुपये तक मिलते थे। विश्वविद्यालयों में प्रारंभिक स्तर पर 15,600-39,100 (ग्रेड पे 6,000 के साथ) मिलेंगे और यह राशि 42 हजार के आसपास होगी। जबकि पहले प्रारंभिक स्तर पर लगभग 28,000 रुपये मिलते थे। प्रारंभिक स्तर पर आईएएस के लिए निर्धारित वेतनमान 15,600-39,100 (5400 ग्रेड पे के साथ) है, जो इस स्तर पर शिक्षक से कम है।
कॉलिजों में प्रोफेसरशिप की लंबी मांग अब पूरी हो गई है। हालांकि प्रोफेसर खुश नहीं है क्योंकि उनको भी रीडर का पे बैंड दिया गया है। फर्क इतना ही प्रोफेसर का ग्रेड पे 9,000 की जगह 10,000 कर दिया गया है। इसके अलावा 10 साल की नौकरी के बाद कुछ प्रोफेसरों को 12,000 रुपये ग्रेड पे देने की बात कही गई है।