Steel Authority of India अपने कर्मचारियों को एक हजार किलो सोना उपहार में देगी। इसकी कीमत 145 करोड़ रुपये होगी। SAIL तीन फरवरी को 50वीं वर्षगांठ मना रही है और उसने 1040 किलो वजन के सोने के सिक्के बनाने का आर्डर किया है जो वह अपने एक लाख 30 हजार कर्मचारियों को देगी। हर सिक्का आठ ग्राम वजन का होगा और इसकी कीमत 11 हजार रुपये होगी। देश में सबसे अधिक इस्पात बनाने वाली कंपनी यह आर्डर संभवत: SBI के जरिए दे रही है।
इस्पात मंत्री राम विलास पासवान संभवत: सेल कर्मचारियों के लिए यह शुभ समाचार तीन फरवरी को सार्वजनिक करेंगे जब कंपनी अपनी स्वर्ण जयंती मनाएगी।
29 January, 2009
20 January, 2009
अब IIT, IIM शिक्षक होंगे मालामाल
पांच लाख कालेज शिक्षकों को वेतन में भारी वृद्धि के बाद अब देश के हाई प्रोफाइल शैक्षिक संस्थान माने जाने वाले भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (IIT) और भारतीय प्रबंधन संस्थानों (IIM) के शिक्षकों के वेतन में बढ़ोतरी की जा रही है। इन संस्थानों के शिक्षकों के वेतन की समीक्षा के लिए गठित समिति इस महीने के अंत में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप देगी।
बैंगलूरु स्थित इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ साइंस (IIS) के पूर्व प्रोफेसर गोवर्धन मेहता की अध्यक्षा में एक समिति गठित कर सरकार ने आईआईटी और आईआईएम के शिक्षकों के वेतन व सुविधाओं की समीक्षा करने का काम सौंपा थी। समिति ने शिक्षकों के चार स्तरीय शिक्षण व्यवस्था में बदलाव से परहेज करने का फैसला किया है। हिन्दुस्तान टाइम्स में राजीव रंजन की रिपोर्ट है के अनुसार प्रोफेसर मेहता ने बताया कि शिक्षकों के मौजूदा फोर टायर व्यवस्था को बनाये रखेने में कोई हर्ज नहीं है। लिहाजा लेक्चरर ,असिस्टेंट प्रोफेसर , एसोसियेट प्रोफेसर और प्रोफेसर जैसे पद यथावत बने रहेंगे। चड्डा समिति ने अपनी सिफारिशों में कालेजों में लेक्चरर का पद खत्म कर उसे असिस्टेंट प्रोफेसर का नया नाम दिया था।
बैंगलूरु स्थित इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ साइंस (IIS) के पूर्व प्रोफेसर गोवर्धन मेहता की अध्यक्षा में एक समिति गठित कर सरकार ने आईआईटी और आईआईएम के शिक्षकों के वेतन व सुविधाओं की समीक्षा करने का काम सौंपा थी। समिति ने शिक्षकों के चार स्तरीय शिक्षण व्यवस्था में बदलाव से परहेज करने का फैसला किया है। हिन्दुस्तान टाइम्स में राजीव रंजन की रिपोर्ट है के अनुसार प्रोफेसर मेहता ने बताया कि शिक्षकों के मौजूदा फोर टायर व्यवस्था को बनाये रखेने में कोई हर्ज नहीं है। लिहाजा लेक्चरर ,असिस्टेंट प्रोफेसर , एसोसियेट प्रोफेसर और प्रोफेसर जैसे पद यथावत बने रहेंगे। चड्डा समिति ने अपनी सिफारिशों में कालेजों में लेक्चरर का पद खत्म कर उसे असिस्टेंट प्रोफेसर का नया नाम दिया था।
06 January, 2009
बैंक कर्मी,अफसर हड़ताल पर जाएंगे
ऑल इंडिया बैंक इम्प्लाइज एसोसिएशन के महासचिव सी.एच. वेंकटाचलम् ने कहा है कि यदि सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है तो मार्च में बैंक के अधिकारी एवं कर्मचारी हड़ताल पर चलें जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार को मार्च तक समय दिया गया है। अगर सरकार अपनी आर्थिक नीतियों को नहीं बदलती है तो हड़ताल से लेकर सभी प्रकार के आंदोलन के लिए बैंककर्मी तैयार हैं।
05 January, 2009
कोयला कर्मचारियों की मौजाँ ही मौजाँ
कोयला कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन अब 9345 रुपए होगा, पहले यह 5500 रुपए था। नया साल उनके लिए 24 प्रतिशत वेतन वृद्धि की सौगात लेकर आया है। लगभग दोगुने की वृद्धि हो गई है। पुराने कर्मियों को इसका और अधिक लाभ मिलेगा। जिसका जितना वेतन है उसमें 24 प्रतिशत की वृद्धि हो जाएगी। वेतन में मूल वेतन, व्हीडीए, एसडीए व अटेंडेस बोनस की राशि शामिल रहती है। इसे जोड़कर जो ग्रॉस आएगा, उसमें 24 प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी।
यह ऐतिहासिक निर्णय हैदराबाद में कोल इंडिया चेयरमेन पार्थो भट्टाचार्य व जेबीसीसीआई में शामिल पांचों श्रमिक संगठनों के पदाधिकारियों के बीच बनी सहमति पर हुआ। इस निर्णय के बाद श्रमिक संगठनों ने 5 जनवरी से प्रस्तावित हड़ताल वापस ले ली है। कोयला कर्मचारियों के वेतन समझौते की अवधि को लेकर खड़ा हुआ विवाद दूर होते ही प्रबंधन व श्रमिक संगठनों ने वेतन वृद्धि पर निर्णय लिया। पूर्व में वेतन समझौता पांच तथा दस वर्ष की अवधि के लिए किए जाने पर मत भिन्नता थी। जेबीसीसीआई में शामिल श्रमिक संगठन एटक, सीटू, इंटक, बीएमएस व एचएमएस के पदाधिकारियों में वेतन समझौता पांच वर्ष किए जाने का निर्णय लिया।
हैदराबाद में वेतन निर्धारण के लिए 2 जनवरी से तीन दिवसीय बैठक शुरू हुई। 2 जनवरी के पहले दिन आम सहमति नहीं बनी। 3 जनवरी को वेतन निर्धारण पर ही चर्चा केंद्रित रही। जिसका परिणाम यह सामने आया कि 30 जून 2006 को जिस कर्मचारी की जितनी तनख्वाह थी, उसमें 24 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। नए कर्मचारियों का न्यूनतम वेज 9344-64 रुपए निर्धारित किया गया है। पहले होता यह था कि नए व पुराने कर्मियों को वृद्धि का एक साथ लाभ मिलता था, दोनों में कोई अंतर नहीं रह जाता था। इस बार दोनों के लिए अलग-अलग व्यवस्था लागू हो जाएगी।
कर्मचारियों का आठवां वेतन समझौता 30 जून 2006 से लंबित है। अभी सुविधाएं सातवें के अनुरूप मिल रही है। आठवें के लिए 15 प्रतिशत अंतिम राहत दी जा रही है। कोल इंडिया में कर्मचारियों की संख्या 4 लाख है जिसमें से एसईसीएल सिरमौर कंपनी है। उसके 83 हजार कर्मचारी इस वेतन समझौते से लाभान्वित होंगे।
यह ऐतिहासिक निर्णय हैदराबाद में कोल इंडिया चेयरमेन पार्थो भट्टाचार्य व जेबीसीसीआई में शामिल पांचों श्रमिक संगठनों के पदाधिकारियों के बीच बनी सहमति पर हुआ। इस निर्णय के बाद श्रमिक संगठनों ने 5 जनवरी से प्रस्तावित हड़ताल वापस ले ली है। कोयला कर्मचारियों के वेतन समझौते की अवधि को लेकर खड़ा हुआ विवाद दूर होते ही प्रबंधन व श्रमिक संगठनों ने वेतन वृद्धि पर निर्णय लिया। पूर्व में वेतन समझौता पांच तथा दस वर्ष की अवधि के लिए किए जाने पर मत भिन्नता थी। जेबीसीसीआई में शामिल श्रमिक संगठन एटक, सीटू, इंटक, बीएमएस व एचएमएस के पदाधिकारियों में वेतन समझौता पांच वर्ष किए जाने का निर्णय लिया।
हैदराबाद में वेतन निर्धारण के लिए 2 जनवरी से तीन दिवसीय बैठक शुरू हुई। 2 जनवरी के पहले दिन आम सहमति नहीं बनी। 3 जनवरी को वेतन निर्धारण पर ही चर्चा केंद्रित रही। जिसका परिणाम यह सामने आया कि 30 जून 2006 को जिस कर्मचारी की जितनी तनख्वाह थी, उसमें 24 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। नए कर्मचारियों का न्यूनतम वेज 9344-64 रुपए निर्धारित किया गया है। पहले होता यह था कि नए व पुराने कर्मियों को वृद्धि का एक साथ लाभ मिलता था, दोनों में कोई अंतर नहीं रह जाता था। इस बार दोनों के लिए अलग-अलग व्यवस्था लागू हो जाएगी।
कर्मचारियों का आठवां वेतन समझौता 30 जून 2006 से लंबित है। अभी सुविधाएं सातवें के अनुरूप मिल रही है। आठवें के लिए 15 प्रतिशत अंतिम राहत दी जा रही है। कोल इंडिया में कर्मचारियों की संख्या 4 लाख है जिसमें से एसईसीएल सिरमौर कंपनी है। उसके 83 हजार कर्मचारी इस वेतन समझौते से लाभान्वित होंगे।
02 January, 2009
सशस्त्र सेनाओं के लिए अलग वेतन आयोग का गठन किया जाएगा
सशस्त्र सेनाओं के लिए एक अलग वेतन आयोग का गठन किया जाएगा। इसके साथ ही सरकार पांच साल बाद अन्य सरकारी कर्मचारियों के वेतन के निरीक्षण लिए गठित किए जाने वाले आयोग से रक्षा कर्मियों के वेतन की समीक्षा को अलग करने पर सहमत हो गई है। बहरहाल इस संबंध में औपचारिक अधिसूचना अभी भी जारी नहीं हुई है।
थलसेना के लेफ्टिनेंट कर्नल और उसके समकक्ष नौसेना तथा वायुसेना के अधिकारियों के वेतन बढ़ाने की सूचना के साथ ही प्रधानमंत्री कार्यालय ने अलग वेतन आयोग के गठन के निर्णय से अवगत कराने के लिए कैबिनेट सचिव को पत्र भेजा है। सरकार इस पर भी सहमत हो गई है कि पिछले साल छठे वेतन आयोग द्वारा सुझाए गए वेतनमान से एक पायदान ऊपर के वेतनमान (37,400-67,000) में लेफ्टिनेंट कर्नलों को शामिल किया जाएगा। प्रतिनियुक्ति पर तैनात लेफ्टिनेंट कर्नल को अपनी मूल सेवा में लौटने पर यह वेतनमान दिया जाएगा।
थलसेना के लेफ्टिनेंट कर्नल और उसके समकक्ष नौसेना तथा वायुसेना के अधिकारियों के वेतन बढ़ाने की सूचना के साथ ही प्रधानमंत्री कार्यालय ने अलग वेतन आयोग के गठन के निर्णय से अवगत कराने के लिए कैबिनेट सचिव को पत्र भेजा है। सरकार इस पर भी सहमत हो गई है कि पिछले साल छठे वेतन आयोग द्वारा सुझाए गए वेतनमान से एक पायदान ऊपर के वेतनमान (37,400-67,000) में लेफ्टिनेंट कर्नलों को शामिल किया जाएगा। प्रतिनियुक्ति पर तैनात लेफ्टिनेंट कर्नल को अपनी मूल सेवा में लौटने पर यह वेतनमान दिया जाएगा।
सशस्त्र सेनाओं, अर्ध्दसैनिक बलों और अन्य सरकारी कर्मचारियों से जुड़े मामलों के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन भी किया जाएगा।
विश्वविद्यालयों के शिक्षकों के वेतन में भारी उछाल
विश्वविद्यालयों के शिक्षकों को नए साल में बढ़ी तनख्वाह का भारी भरकम उपहार मिला है। रीडर की तनख्वाह जबरदस्त उछाल के साथ 75 हजार रुपये के पार हो गई है, जबकि प्रारंभिक स्तर पर विश्वविद्यालय के शिक्षकों को एक IAS से भी ज्यादा वेतन मिलेगा। एक अनुमान के मुताबिक शिक्षकों की तनख्वाह में 14 से लेकर 33 हजार रुपये प्रतिमाह तक का इजाफा हुआ है। केंद्र सरकार ने विश्वविद्यालयों के शिक्षकों के लिए नए वेतनमान से संबंधित अधिसूचना जारी कर दी है और शिक्षक फरवरी में नए वेतनमान की उम्मीद कर रहे हैं।
अब विश्वविद्यालयों और कॉलिजों में पदों को नया नाम देकर इनकी संख्या तीन तक सीमित कर दी गई है। लेक्चरर को असिस्टेंट प्रोफ़ेसर और रीडर को असोसिएट प्रोफेसर के नाम से जाना जाएगा जबकि तीसरा पद प्रोफेसर का ही होगा। सबसे अधिक फायदा रीडर को हुआ है।
अब विश्वविद्यालयों और कॉलिजों में पदों को नया नाम देकर इनकी संख्या तीन तक सीमित कर दी गई है। लेक्चरर को असिस्टेंट प्रोफ़ेसर और रीडर को असोसिएट प्रोफेसर के नाम से जाना जाएगा जबकि तीसरा पद प्रोफेसर का ही होगा। सबसे अधिक फायदा रीडर को हुआ है।
1-1-2006 को रीडर के रूप में या रीडर ग्रेड में तीन साल पूरे करने वाले शिक्षक अपने आप ही असोसिएट प्रोफ़ेसर बन जाएंगे। नवभारत टाइम्स में भूपेंद्र की रिपोर्ट है कि उन्हें 37,400-67,000 (ग्रेड पे 9,000 के साथ) का वेतनमान मिलेगा। एक अनुमान के मुताबिक तीन साल रीडर के रूप में कार्य करने वाले पीएचडी धारक शिक्षक को 76 हजार रुपये के आसपास मिलेंगे, जबकि अभी तक उन्हें 42 से 44 हजार रुपये तक मिलते थे। विश्वविद्यालयों में प्रारंभिक स्तर पर 15,600-39,100 (ग्रेड पे 6,000 के साथ) मिलेंगे और यह राशि 42 हजार के आसपास होगी। जबकि पहले प्रारंभिक स्तर पर लगभग 28,000 रुपये मिलते थे। प्रारंभिक स्तर पर आईएएस के लिए निर्धारित वेतनमान 15,600-39,100 (5400 ग्रेड पे के साथ) है, जो इस स्तर पर शिक्षक से कम है।
कॉलिजों में प्रोफेसरशिप की लंबी मांग अब पूरी हो गई है। हालांकि प्रोफेसर खुश नहीं है क्योंकि उनको भी रीडर का पे बैंड दिया गया है। फर्क इतना ही प्रोफेसर का ग्रेड पे 9,000 की जगह 10,000 कर दिया गया है। इसके अलावा 10 साल की नौकरी के बाद कुछ प्रोफेसरों को 12,000 रुपये ग्रेड पे देने की बात कही गई है।
कॉलिजों में प्रोफेसरशिप की लंबी मांग अब पूरी हो गई है। हालांकि प्रोफेसर खुश नहीं है क्योंकि उनको भी रीडर का पे बैंड दिया गया है। फर्क इतना ही प्रोफेसर का ग्रेड पे 9,000 की जगह 10,000 कर दिया गया है। इसके अलावा 10 साल की नौकरी के बाद कुछ प्रोफेसरों को 12,000 रुपये ग्रेड पे देने की बात कही गई है।
टाटा पावर ने कर्मचारियों का वेतन बढ़ाने का फैसला किया
विद्युत क्षेत्र से जुड़ी टाटा समूह की अग्रणी कम्पनी टाटा पावर ने अपनी जमशेदपुर इकाई के कर्मचारियों को एक तरह से नए साल का तोहफा देते हुए आगामी एक जनवरी से उनका वेतन बढ़ाने का फैसला किया है। प्रबंधन के शीर्ष अधिकारियों तथा श्रमिक यूनियन के बीच हुए तीसरे वेतन पुनरीक्षण समझौते से कर्मियों के कुल वेतन में एक जनवरी 2009 से 2,800 रुपए से लेकर 6,982 रुपए तक वृद्धि हो जाएगी। यह समझौता चार साल तक प्रभावी रहेगा।
इसके तहत एलटीसी तथा चिकित्सा भत्ता समेत कई अन्य भत्तों में भी वृद्धि कर दी गई है। कम्पनी ने ड्यूटी के दौरान मृत्यु हो जाने पर कर्मियों को दिए जाने वाले मुआवजे की राशि को भी आठ लाख रुपए से बढ़ाकर दोगुना यानी 16 लाख रुपया कर दिया है। मंदी के दौर में वेतन की बढ़ोतरी करने वाली टाटा समूह की यह दूसरी कम्पनी है। इससे पहले टाटा स्टील ने अपने कर्मियों के वेतन में वृद्धि की घोषणा की थी।
इसके तहत एलटीसी तथा चिकित्सा भत्ता समेत कई अन्य भत्तों में भी वृद्धि कर दी गई है। कम्पनी ने ड्यूटी के दौरान मृत्यु हो जाने पर कर्मियों को दिए जाने वाले मुआवजे की राशि को भी आठ लाख रुपए से बढ़ाकर दोगुना यानी 16 लाख रुपया कर दिया है। मंदी के दौर में वेतन की बढ़ोतरी करने वाली टाटा समूह की यह दूसरी कम्पनी है। इससे पहले टाटा स्टील ने अपने कर्मियों के वेतन में वृद्धि की घोषणा की थी।
01 January, 2009
अफसरों को पद मिलेगा, वेतन नहीं!?
उत्तर प्रदेश में लागू एसएटी रिजवी कमेटी की रिपोर्ट ने पदोन्नत और सीधे भर्ती होने वाले अफसरों के बीच दीवार खड़ी कर दी है। पदोन्नत अफसरों को अब पद और रुतबा तो मिलेगा पर वे सीधे भर्ती होने वाले अफसरों से काफी कम तनख्वाह पाएंगे। प्रदेश में छठवें वेतन आयोग की संस्तुतियां लागू करने को गठित इस कमेटी की सिफारिश पर सरकार ने सीधी भर्ती और पदोन्नत अफसरों का वेतनमान अलग-अलग कर दिया है।
अब तक 8000-13500 वेतनमान से ही राजपत्रित अधिकारियों की शुरूआत होती थी। नायब तहसीलदार से तहसीलदार, आबकारी निरीक्षक से सहायक आबकारी आयुक्त के पद पर पदोन्नत होने वालों को यही वेतनमान मिलता था। सीधे भर्ती होने वाले भी इसी वेतनमान पर काम करते थे। अब पदोन्नत अफसर का वेतनमान 9300-34800 होगा जबकि सीधे भर्ती होने वाले अफसर का 15600-39100। अमर उजाला की ख़बर के अनुसार यह स्पष्ट है कि पदोन्नत अफसरों का मूल वेतन सीधी भर्ती वाले से 6300 रुपये कम (15600-9300) होगा। एसडीएम, एसपी, बीडीओ, पुस्तकालयाध्यक्ष, संख्याधिकारी, लेखाधिकारी, सहायक अभियंता का वेतनमान भी 8000-13500 है। इनका वेतनमान 15600-39100 हो जाएगा क्योंकि यह पद सीधे उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग से भरे जाते हैं।
तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों के संगठन राजस्व (प्रशासनिक) अधिकारी संघ ने इस निर्णय का विरोध करते हुए 9300-34800 वेतनमान का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष आशीष मिश्र का कहना है कि पदोन्नत अफसरों को भी 15600-39100 वेतनमान दिया जाए। बकौल मिश्र बीडीओ और तहसीलदार के कार्य क्षेत्र, दायित्व में काफी अंतर है। तहसीलदार की अपेक्षा बीडीओ का वेतन 68 प्रतिशत अधिक किया जाना न्यायोचित नहीं।
अब तक 8000-13500 वेतनमान से ही राजपत्रित अधिकारियों की शुरूआत होती थी। नायब तहसीलदार से तहसीलदार, आबकारी निरीक्षक से सहायक आबकारी आयुक्त के पद पर पदोन्नत होने वालों को यही वेतनमान मिलता था। सीधे भर्ती होने वाले भी इसी वेतनमान पर काम करते थे। अब पदोन्नत अफसर का वेतनमान 9300-34800 होगा जबकि सीधे भर्ती होने वाले अफसर का 15600-39100। अमर उजाला की ख़बर के अनुसार यह स्पष्ट है कि पदोन्नत अफसरों का मूल वेतन सीधी भर्ती वाले से 6300 रुपये कम (15600-9300) होगा। एसडीएम, एसपी, बीडीओ, पुस्तकालयाध्यक्ष, संख्याधिकारी, लेखाधिकारी, सहायक अभियंता का वेतनमान भी 8000-13500 है। इनका वेतनमान 15600-39100 हो जाएगा क्योंकि यह पद सीधे उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग से भरे जाते हैं।
तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों के संगठन राजस्व (प्रशासनिक) अधिकारी संघ ने इस निर्णय का विरोध करते हुए 9300-34800 वेतनमान का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष आशीष मिश्र का कहना है कि पदोन्नत अफसरों को भी 15600-39100 वेतनमान दिया जाए। बकौल मिश्र बीडीओ और तहसीलदार के कार्य क्षेत्र, दायित्व में काफी अंतर है। तहसीलदार की अपेक्षा बीडीओ का वेतन 68 प्रतिशत अधिक किया जाना न्यायोचित नहीं।
नववर्ष २००९ की हार्दिक शुभकामनाएं
आप सभी को
नववर्ष २००९ की हार्दिक शुभकामनाएं।
वर्ष २००९ आपके लिए शुभ हो, मंगलमय हो।
नववर्ष २००९ की हार्दिक शुभकामनाएं।
वर्ष २००९ आपके लिए शुभ हो, मंगलमय हो।
रेल कर्मियों का Night Duty Allownce दुगना
रेल कर्मियों के नाइट डयूटी एलाउंस में तकरीबन दुगना इजाफा कर दिया गया है। उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय में रेलवे बोर्ड से आए पत्र में पे बैंड के आधार पर नया एलाउंस लागू करने की सूचना दी गई है। इसके तहत कर्मचारियों के लिए नए दर का नाइट डयूटी एलाउंस तीन महीने पीछे से देना तय किया गया है। रेलवे बोर्ड से 16 दिसंबर को जारी पत्र में कर्मचारियों के लिए बढ़ी हुई दर का रात्रि कालीन भत्ता पहली सितंबर 08 से लागू करने को कहा गया है।
संशोधित दर के तहत 4440-7440 पे बैंड के 1300 ग्रेड पे पर 26.05 रुपये, 1400 ग्रेड पे पर 26.40 रुपये,- 1600 ग्रेड पे पर 27.15 रुपये, 1650 ग्रेड पे पर 27.30 रुपये रात्रिकालीन भत्ता तय किया गया है। 5200-20200 पे बैंड के 1800 ग्रेड पे पर 52.15 रुपये, 1900 ग्रेड पे पर 52.50 रुपये, 2000 ग्रेड पर 52.85 रुपये, 2400 ग्रेड पे र 54.30 रुपये एवं 2800 ग्रेड पे पर 55.75 रुपये नाइट डयूटी एलाउंस सुनिश्चित किया गया है। 9300-34800 पे बैंड के 4200 ग्रेड पे पर 94.45 रुपये और 4600 ग्रेड पे पर 95.85 रुपये भत्ता तय किया गया है।
नई दर से वर्कशॉप के कर्मचारियों-अधिकारियों के लिए रात्रि कालीन भत्ता सामान्य कर्मचारी-अधिकारी की तुलना में डेढ़ गुना किया गया है। लेखा विभाग के अधिकारियों के अनुसार नई दर से कर्मचारियों को तकरीबन दूना लाभ हो रहा है। उधर, लेखा विभाग के अधिकारियों के अनुसार नई दर पिछली तारीख में लागू किए जाने से कर्मचारियों को सितंबर, अक्तूबर और नवंबर के नाइट डयूटी एलाउंस का एरियर दिसंबर महीने के वेतन में जोड़ कर दिया जाएगा।
संशोधित दर के तहत 4440-7440 पे बैंड के 1300 ग्रेड पे पर 26.05 रुपये, 1400 ग्रेड पे पर 26.40 रुपये,- 1600 ग्रेड पे पर 27.15 रुपये, 1650 ग्रेड पे पर 27.30 रुपये रात्रिकालीन भत्ता तय किया गया है। 5200-20200 पे बैंड के 1800 ग्रेड पे पर 52.15 रुपये, 1900 ग्रेड पे पर 52.50 रुपये, 2000 ग्रेड पर 52.85 रुपये, 2400 ग्रेड पे र 54.30 रुपये एवं 2800 ग्रेड पे पर 55.75 रुपये नाइट डयूटी एलाउंस सुनिश्चित किया गया है। 9300-34800 पे बैंड के 4200 ग्रेड पे पर 94.45 रुपये और 4600 ग्रेड पे पर 95.85 रुपये भत्ता तय किया गया है।
नई दर से वर्कशॉप के कर्मचारियों-अधिकारियों के लिए रात्रि कालीन भत्ता सामान्य कर्मचारी-अधिकारी की तुलना में डेढ़ गुना किया गया है। लेखा विभाग के अधिकारियों के अनुसार नई दर से कर्मचारियों को तकरीबन दूना लाभ हो रहा है। उधर, लेखा विभाग के अधिकारियों के अनुसार नई दर पिछली तारीख में लागू किए जाने से कर्मचारियों को सितंबर, अक्तूबर और नवंबर के नाइट डयूटी एलाउंस का एरियर दिसंबर महीने के वेतन में जोड़ कर दिया जाएगा।
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