05 January, 2009

कोयला कर्मचारियों की मौजाँ ही मौजाँ

कोयला कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन अब 9345 रुपए होगा, पहले यह 5500 रुपए था। नया साल उनके लिए 24 प्रतिशत वेतन वृद्धि की सौगात लेकर आया है। लगभग दोगुने की वृद्धि हो गई है। पुराने कर्मियों को इसका और अधिक लाभ मिलेगा। जिसका जितना वेतन है उसमें 24 प्रतिशत की वृद्धि हो जाएगी। वेतन में मूल वेतन, व्हीडीए, एसडीए अटेंडेस बोनस की राशि शामिल रहती है। इसे जोड़कर जो ग्रॉस आएगा, उसमें 24 प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी।

यह ऐतिहासिक निर्णय हैदराबाद में कोल इंडिया चेयरमेन पार्थो भट्टाचार्य व जेबीसीसीआई में शामिल पांचों श्रमिक संगठनों के पदाधिकारियों के बीच बनी सहमति पर हुआ। इस निर्णय के बाद श्रमिक संगठनों ने 5 जनवरी से प्रस्तावित हड़ताल वापस ले ली है। कोयला कर्मचारियों के वेतन समझौते की अवधि को लेकर खड़ा हुआ विवाद दूर होते ही प्रबंधन व श्रमिक संगठनों ने वेतन वृद्धि पर निर्णय लिया। पूर्व में वेतन समझौता पांच तथा दस वर्ष की अवधि के लिए किए जाने पर मत भिन्नता थी। जेबीसीसीआई में शामिल श्रमिक संगठन एटक, सीटू, इंटक, बीएमएस व एचएमएस के पदाधिकारियों में वेतन समझौता पांच वर्ष किए जाने का निर्णय लिया।

हैदराबाद में वेतन निर्धारण के लिए 2 जनवरी से तीन दिवसीय बैठक शुरू हुई। 2 जनवरी के पहले दिन आम सहमति नहीं बनी। 3 जनवरी को वेतन निर्धारण पर ही चर्चा केंद्रित रही। जिसका परिणाम यह सामने आया कि 30 जून 2006 को जिस कर्मचारी की जितनी तनख्वाह थी, उसमें 24 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। नए कर्मचारियों का न्यूनतम वेज 9344-64 रुपए निर्धारित किया गया है। पहले होता यह था कि नए पुराने कर्मियों को वृद्धि का एक साथ लाभ मिलता था, दोनों में कोई अंतर नहीं रह जाता था। इस बार दोनों के लिए अलग-अलग व्यवस्था लागू हो जाएगी।

कर्मचारियों का आठवां वेतन समझौता 30 जून 2006 से लंबित है। अभी सुविधाएं सातवें के अनुरूप मिल रही है। आठवें के लिए 15 प्रतिशत अंतिम राहत दी जा रही है। कोल इंडिया में कर्मचारियों की संख्या 4 लाख है जिसमें से एसईसीएल सिरमौर कंपनी है। उसके 83 हजार कर्मचारी इस वेतन समझौते से लाभान्वित होंगे।

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