कामकाजी पुरुषों व महिलाओं के बीच किए गए अध्ययन में पाया गया कि अवसाद के छह में से एक मामले का कारण नौकरी है। अध्ययन से पता चला है कि नौकरी के दौरान तनाव का सामना पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक करना पड़ता है। इसका कारण तुलनात्मक रूप से काम में उनका कम दक्ष होना है।
विक्टोरिया में काम करने वाले १,१०० कर्मचारियों पर २००३ में अध्ययन किया गया था जिससे यह आंकड़ा मिला था। नौकरी की बढ़ती मांग को देखते हुए कार्यालयों का माहौल तनावयुक्त होता जा रहा है। कामकाजी लोगों में कार्यस्थल पर तनाव के कारण अवसाद की सम्भावना बढ़ती जा रही है।
कार्यालय की ओर से तनाव के कारण मानसिक परेशानियों की गिरफ्त में आने वाले कर्मचारियों की मदद भी नहीं की जाती। यही कारण है कि ऐसे मामलों से जुड़ी जानकारी भी कम ही मिल पाती है। शोधकर्ता मेलबर्न विश्वविद्यालय के टोनी लामोन्टेग्न ने कहा, ॰कम दक्ष महिलाओं में काम का तनाव तुलनात्मक रूप से ज्यादा होता है।” वह कहते हैं, ॰स्पष्ट है कि लोग स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं से ग्रस्त हैं और मानसिक बीमारी का एक महत्वपूर्ण कारण नौकरी है।” उनहोंने कहा, ॰हमें आशा है कि कार्यालय यदि अपने कर्मचारियों के साथ सहयोग करेंगे तो इस समस्या का बड़े पैमाने पर हल हो पाएगा। साथ ही कम दक्ष कर्मचारियों, खासकर महिला कर्मचारियों को इससे काफी मदद मिलेगी। इस अध्ययन से जुड़ी बातें पब्लिक हेल्थज् पत्रिका के नए अंक में विस्तार से दी गई है।
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