छठे वेतन आयोग की विसंगतियों को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने 11 अप्रैल को कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में सचिवों के एक समूह का गठन किया था। इस कमेटी को जल्दी से जल्दी अपनी रिपोर्ट पेश करने को कहा गया था। छठे वेतन आयोग की सदस्य सचिव सुषमा नाथ ही इस कमेटी की सदस्य सचिव हैं।
राष्ट्रीय सहारा के अनुसार रिपोर्ट में थोड़ा बहुत फेरबदल है। जिन लोगों को अपने पद के पे-बैंड से दिक्कत थी उन्हें मामूली सा सुधार दिया गया है। लेकिन जिस तरह की वृद्धि कर्मचारियों के संगठन मांग रहे थे वह उन्हें नहीं मिली है। सैनिकों का मिलिट्री अलाउंस बढ़ाकर 2000 रूपए किया जा रहा है। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कम से कम 10 हजार रूपए तनख्वाह मांग रहे थे। कमेटी ने उनकी मांग तो नहीं मानी लेकिन सीसीए और एकाध भत्ता और देकर उन्हें दूसरे तरीके से लाभ दे दिया है। सेंट्रल सेकट्रियेट सर्विस (सीएसएस) के कर्मचारी वेतन आयोग की रिपोर्ट से आक्रोश में थे। उन्होंने धरना-प्रदर्शन भी किया लेकिन उनके हाथ भी एकाध पे-बैंड में परिवर्तन के अलावा कुछ नहीं लगने वाला। सूत्रों के अनुसार कमेटी की रिपोर्ट तैयार है। इसे संभवत: इसी महीने की 20 तारीख को वित्तमंत्री को सौंप दिया जाएगा। उसके बाद यदि आवश्यक हुआ तो ग्रुप आफ मिनिस्टर का गठन किया जाएगा अन्यथा जुलाई महीने से ही पे-कमीशन की रिपोर्ट लागू कर दी जाएगी ताकि अगस्त में कर्मचारियों को बढ़ा हुआ वेतन मिल सके।
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