06 May, 2008

केन्द्र ने किया एलटीसी नियमों में संशोधन, सभी कर सकेंगे हवाई यात्रा

जब मंत्री विदेश दौरों में अव्वल रहें तो फिर उसके संतरी को भी हवाई सैर-सपाटे का लाभ क्यों नहीं मिले? शायद यही सोचकर केंद्र सरकार ने अपने सभी स्तर के कर्मचारियों को अवकाश यात्रा रियायत (एलटीसी) में हवाई जहाज से सैर सपाटे की मंजूरी प्रदान कर दी है। गर्मियों की छुट्टियों से ठीक पहले सरकार के इस फैसले से अब केंद्र सरकार का चपरासी पदनाम का कर्मचारी भी, सपरिवार हवाई यात्रा का लुत्फ उठाएगा लेकिन यह सुविधा सिर्फ पूर्वोत्तर राज्यों के सैर सपाटे के लिए ही मिलेगी। नए आदेश से ग्रुप बी, सी और डी में आने वाले लगभग 35 लाख कर्मचारियों को हवाई यात्रा का लाभ मिलेगा।

अभी तक एलटीसी के तहत निदेशक और उसके ऊपर के स्तर के अधिकारियों को ही हवाई सफर की सुविधा दी गई थी। चार साल में एक बार मिलने वाली इस सुविधा में आने-जाने के खर्च के साथ कुछ दैनिक भत्ता भी दिया जाता है। आदेश के अनुसार दो साल में होमटाउन के लिए मिलने वाली एक यात्रा को भी कर्मचारी पूर्वोत्तर की एलटीसी में बदल सकते हैं। कार्मिक मंत्रालय के सहायक सचिव ए. के. चतुर्वेदी द्वारा जारी किए गए इस आदेश के अनुसार एलटीसी में हवाई यात्रा की सुविधा का दायरा बढ़ाने के लिए सीसीएस (एलटीसी) नियम 1998 में संशोधन किया गया है।

आदेश के अनुसार ग्रुप ए और बी के तहत आने वाले कोई भी कर्मचारी अपनी तैनाती के स्थान से पूर्वोत्तर की सैर के लिए सीधे हवाई जहाज से यात्रा कर सकते हैं लेकिन ग्रुप सी और ग्रुप डी के कर्मचारियों के लिए प्रावधान रखा गया है कि वे गुवाहाटी और कोलकात्ता से पूर्वोत्तर के किसी भी पर्यटन स्थलों के लिए हवाई यात्रा कर सकते हैं। जो गुवाहाटी या कोलकात्ता में तैनात है उसके लिए तो ठीक है बाकी कर्मचारियों को वहां तक यात्रा ट्रेन से करनी होगी। दरअसल, ग्रुप सी और ग्रुप डी के कर्मचारियों को एलटीसी के तहत भत्ते की राशि कम मिलती है इसलिए यह प्रावधान किया गया है लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि ग्रुप डी में आने वाला चपरासी या उसके स्तर का कोई कर्मचारी गुवाहाटी या कलकत्ते से ही सही अपने परिजनों के साथ हवाई यात्रा करने का अवसर तो पा सकेगा। ग्रुप डी के कर्मचारी और उसके परिजनों के लिए हवाई यात्रा अभी तक एक सपना ही होती है।

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