जगन्नाथ राव समिति ने शुक्रवार, ३० मई को सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (Public Sector Units) के अधिकारियों के वेतनमान से संबंधित अपनी सिफारिशें सरकार को सौंप दीं। इनमें पीएसयू के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक तथा निदेशकों के लिए स्थिर वेतन की सिफारिश की गई है। समिति का गठन नवंबर 2006 में किया गया था।
रिपोर्ट में अलग-अलग वर्ग के उपक्रमों के चेयरमैन एवं एमडी का मूल वेतन 55 हजार रुपये से एक लाख रुपये तथा निदेशकों का मूल वेतन 50 हजार रुपये से 80 हजार रुपये तक रखने का सुझाव दिया गया है। निदेशक मंडल स्तर से नीचे के अधिकारियों का मूल वेतन 11 हजार 500 से 70 हजार रुपये प्रतिमाह के बीच रखने की सिफारिश की गई है। इसमें अधिकारियों को मूल वेतन के 20 प्रतिशत से लेकर दो-दो सौ प्रतिशत तक परिवर्तनशील वेतन देने की सिफारिश भी की गई है। यह कंपनियों की वित्तीय स्थिति पर निर्भर करेगा।
केंद्रीय लोक उपक्रम एवं भारी उद्योग मंत्री संतोष मोहन देव ने बताया कि पीएसयू के कुल करीब ढाई लाख अधिकारियों के वेतन और भत्तों को प्रभावित करने वाली यह रिपोर्ट मंत्रिमंडल की स्वीकृति के बाद लागू की जा सकेगी। उन्होंने उम्मीद जाहिर की दिसंबर से पहले इस पर निर्णय कर लिया जाएगा। समिति ने नए वेतनमान एक जनवरी 2007 से लागू करने की सिफारिश की है।
इस रिपोर्ट में पहली बार उत्पादकता को प्रोत्साहित करने के प्रस्ताव शामिल किए गए हैं। समिति ने पहली बार पीएसयू को पांच श्रेणियों में बांटकर उनके अधिकारियों को 11 हजार रुपये से 25 सौ रुपये तक का जोखिम वेतन और अधिकारियों को कंपनी के शेयर आवंटित करने जैसे विकल्पों की भी सिफारिश की है।
पूरी रिपोर्ट के लिये यहाँ क्लिक करें। अधिक जानकारी यहाँ से ली जा सकती है।
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