सरकार, केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों की तरह, सरकारी बैंकों के करीब 10 लाख कर्मचारियों को भी बढ़े वेतन का तोहफा दे सकती है। वित्त मंत्रालय ने इंडियन बैंक असोसिएशन (आईबीए) से कहा है कि वह बैंक कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को जल्द अंतिम रूप दे। नवभारत टाइम्स में जोसफ बर्नाड के अनुसार, इस महीने के अंत तक वेतन बढ़ोतरी पर बैंक यूनियनों और आईबीए के बीच बैठक होगी। इसके बाद कर्मचारियों की तनख्वाह कितनी बढ़ाई जाए, इस प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया जाएगा। संभावना है कि नवंबर या दिसंबर की शुरुआत में सरकार इस फैसले की घोषणा कर दे।
वित्त मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि सरकार, वेतन बढ़ोतरी या इस तरह के अन्य लोकप्रिय फैसले 31 दिसंबर तक ही ले सकती है। इसके बाद लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आचार संहिता लागू हो जायेगी। ऐसे में कोशिश होगी कि इस पर फैसला तय सीमा अवधि के भीतर कर दिया जाए। केंद्रीय कर्मचारियों की तनख्वाह में इजाफा होने से सरकारी बैंक कर्मचारी काफी उत्साहित हैं। उनका कहना है कि अगर सरकार ने हमारा वेतन भी केंद्रीय कर्मचारियों की तर्ज पर नहीं बढ़ाया तो हम अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे। 11 अगस्त को आईबीए के साथ बैठक में उन्होंने बढ़ोतरी पर अपना प्रस्ताव दे दिया था। मगर अब वे इसमें और संशोधन पर विचार कर रहे हैं।
ऑल इंडिया स्टेट बैंक ऑफिसर्स फेडरेशन के प्रवक्ता ने नवभारत टाइम्स से बातचीत में कहा कि बैंक कर्मचारी का काम केंद्रीय कर्मचारियों की तुलना में ज्यादा मुश्किल और ज्यादा जवाबदेही वाला है। अगर सरकारी कर्मचारियों के वेतन में औसतन 21 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो सकती है और अधिकतम तेजी 41 प्रतिशत तक जा सकती है तो हमें इससे कम बढ़ोतरी मंजूर नहीं है। हम तो इससे भी ज्यादा बढ़ोतरी की मांग करेंगे। अगर सरकार ने हमारी बात नहीं मानी तो हम अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे।
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