उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के 14 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारियों और शिक्षकों के वेतन को छठे केन्द्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरुप पुनरीक्षित करने का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री मायावती ने सोमवार को पत्रकारों को बताया कि इसके तहत राज्य के सभी कर्मचारियों को पुनरीक्षित वेतनमानों का लाभ एक जनवरी 2006 से दिया जाएगा। इससे पूर्व उन्होंने यह घोषणा विधानसभा में भी की थी। पुनरीक्षित वेतनमानों के अनुरुप कर्मचारियों को नकद भुगतान 1 दिसम्बर 2008 से किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि कर्मचारियों और शिक्षकों के पुनरीक्षित वेतनमानों के राज्य सरकार ने भारतीय सेवा के प्रशासनिक अवकाश प्राप्त अधिकारी जगमोहन लाल बजाज की अगुवाई में एक समिति गठित की है। राज्य नियोजन विभाग के प्रमुख सचिव आलोक रंजन और वित्त सचिव बी।एन. दीक्षित इस समिति के सदस्य तथा वित्त विभाग के विशेष सचिव अजय अग्रवाल सदस्य सचिव होंगे। समिति अपनी रिपोर्ट तीन माह में देगी। इस कदम से राजकोष पर 5179 करोड रुपए का अतिरिक्त भार पड़ेगा जिसमें से 3789 करोड रुपए वेतन के मद में तथा 1400 करोड रुपए पेंशन मद में खर्च होगा।
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मेरे विचार से डी ए मर्जर का लाभ एच आर ए एवं सी सी ए पर देने के पश्चात् ही छठे वेतन आयोग की संस्तुतियाँ लागू हो अन्यथा केन्द्रीय और राज्य कर्मचारियों(और शिक्षकों)के वेतन में भारी अन्तर हो जावेगा।
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