बिहार में अब अविवाहित सरकारी कर्मियों की सेवा काल में मौत होने पर उनके आश्रितों को भी अनुकंपा के आधार पर नौकरी मिल सकेगी। अब तक ऐसा प्रावधान नहीं था। 30 अक्टूबर को कैबिनेट की बैठक में इस आशय का फैसला लिया गया। इसके अतिरिक्त सरकारी कर्मियों की गुमशुदगी की स्थिति में अब सात वर्ष की जगह दो वर्ष की अवधि में ही उनके एक आश्रित को नौकरी मिल सकेगी। कैबिनेट की बैठक में हुए निर्णयों की जानकारी कैबिनेट के प्रधान सचिव गिरीश शंकर ने मीडिया को दी।
उन्होंने बताया कि सेवाकाल में अविवाहित कर्मियों की मौत होने पर समूह-ग व घ के पदों पर उनके भाई, विधवा, मां या छोटी बहन को अनुकंपा के आधार पर नौकरी मिल सकेगी। इसी तरह अगर कोई सरकारी कर्मी गुम हो जाता है तो अब दो वर्ष के भीतर उसके परिजन को उसकी जगह नौकरी मिल जाएगी। पहले इसके लिए सात वर्षों तक इंतजार किया जाता था। दो वर्ष बाद संबंधित कर्मी की जगह नौकरी कर रहे उसके आश्रित की नौकरी उस वक्त स्वत: समाप्त हो जाएगी जब गुम सरकारी कर्मी अचानक लौट आए।
01 November, 2008
अविवाहित सरकारीकर्मी के आश्रित को अनुकंपा पर नौकरी
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