24 November, 2008

PSUs कर्मियों को केंद्र का तोहफा

केन्द्रीय सार्वजनिक उपक्रमों के करीब चार लाख अधिकारी और सुपरवाइजर स्तर के कर्मियों को अब तक की सर्वाधिक वेतन वृध्दि की सौगात देते हुए सरकार ने कहा है कि इससे केन्द्रीय उपक्रमों का प्रदर्शन सुधरेगा और उच्च कर्मचारियों का निजी क्षेत्र की तरफ पलायन रुकेगा। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने केन्द्रीय उपक्रमों के लिए गठित दूसरी वेतन निर्धारण समिति की सिफारिशों को मंजूरी दे दी है। नए वेतनमान एक जनवरी, 2007 से लागू होंगे।  इससे करीब 151 मुनाफा कमाने वाले केन्द्रीय उपक्रमों के 2.58 लाख अधिकारी स्तर के और 1.20 लाख यूनियन से अलग रहने वाले सुपरवाइजर स्तर के कर्मचारियों को वेतन वृध्दि का लाभ मिलेगा। घाटे में चलने वाले केन्द्रीय उपक्रम के कर्मी वेतन वृध्दि के पैकेज से महरुम रहेंगे। नया पैकेज लागू करने के लिए उन्हें लगातार तीन साल तक मुनाफा कमाना होगा।

पिछले साल कुल 217 केन्द्रीय उपक्रम थे, जिनमें से 151 मुनाफा कमा रहे थे। इनमें से भी 76 उपक्रम ही मजबूत है और वही नए वेतनमानों को पूरी तरह से लागू करने की स्थिति में बाकी 75 उपक्रम नये पैकेज को आंशिक रूप में ही लागू कर पाएंगे। शेष 66 घाटे में चलने वाले उपक्रम नए पैकेज का लाभ नहीं उठा पाएंगे।

नए वेतनमानों के मुताबिक 'ए' श्रेणी में आने वाले केन्द्रीय उपक्रमों के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशकों का मूल वेतन अब 80 हजार से शुरू होकर सवा लाख रुपए मासिक तक होगा। सबसे निम्न 'डी' श्रेणी में आने वाले उपक्रमों के सीएमडी के लिए 51300 से लेकर 73000 रुपए तक का मूल वेतन पाएंग, जबकि इस श्रेणी के निदेशक मंडल के सदस्यों के लिए 43200 से 66000 रुपए तक के नए वेतनमान तय किए गए हैं।

कार्यकारी अधिकारियों की पुरानी मांग को मानते हुए ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा 3.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 10 लाख रुपए कर दी है। नए पैकेज में सरकार ने कार्यकारी स्तर के सभी अधिकारियों को एक जनवरी, 2007 के उनके मूल वेतन पर 30 प्रतिशत की समान दर से फिटमेंट देने का फैसला किया है। केन्द्रीय उपक्रमों की वर्तमान चार श्रेणियों को यथावत रखा गया है।

केन्द्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एम जगन्नाथ राव की अध्यक्षता में केन्द्रीय उपक्रमों की वेतन समीक्षा समिति का गठन किया था। समिति ने इसी साल 30 मई को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। उसके बाद अब मंत्रिमंडल ने भी इन पर अपनी मुहर लगा दी।

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