सेना और केंद्रीय सचिवालय सेवा (सीएसएस) ने छठे वेतन आयोग की विसंगतियों को सुधरवा लिया है लेकिन सुधार के बाद भी कुछ वेतनमान बढ़ने की जगह घट गए हैं। प्री-कमीशन अधिकारियों और लेफ्टिनेंट, सब-लेफ्टिनेंट और फ्लाइंग ऑफिसर और कैप्टन तक को दो हजार से लेकर आठ हजार रूपए तक का फायदा होगा। पुलिस वालों को भी वर्दी भत्ते के तौर पर एक हजार रूपए का फायदा दे दिया गया है। जारी संशोधन से बाकी सेवाओं के लोगों में बेचैनी है। वित्त मंत्रालय ने एक मूल्याकंन कमेटी का गठन किया है जो विसंगतियों को देख रही है।
देश में सेना, रेलवे यूनियन और सीएसएस ऐसोसिएशन तीनों की ताकत का लोहा सब मानते हैं, इसलिए इन तीनों की सुन ली गई है। हालांकि सेना की तरफ से रक्षा मंत्री एके एंटनी ने जो प्रस्ताव दिया है उसके हिसाब से वेतनमान में संशोधन अलग से होना है। सेना अधिकारियों की धमकी और रक्षा मंत्री की वकालत के बाद वित्त मंत्रालय ने अंतिम वर्ष ट्रेनिंग ले रहे प्री-कमीशन अधिकारियों को भी पीबी-3 यानी ग्रुप-ए सेवा के बराबर रख दिया है। अब उन्हें 15600-5400 अर्थात कुल 21000 हजार रूपए वेतनमान मिलेगा। ट्रेनिंग के दौरान उन्हें 6000 रूपए सेना भत्ता नहीं दिया जाएगा। उन्हें 8000 रूपए प्रतिमाह स्टाइपेंड देने की सिफारिश की गई थी।
वेतन आयोग ने ऑनरेरी कैप्टन को 2900 के पे-बैंड में रखा था जिससे उनमें भारी रोष था। इन समूह के अधिकारियों को 2600 रूपए की बढ़ोतरी देते हुए अधिकारियों को 5700 के पे-बैंड में रख दिया गया है। अब इनका वेतनमान 29970 रूपए होगा। इसके अतिरिक्त सभी को 6000 रूपए का सेना भत्ता मिलेगा। लेफ्टिनेंट, सब-लेफ्टिनेंट और फ्लाइंग अधिकारी के वेतनमानों में संशोधन किया गया है। 14360 के वेतनमान को 15600, 14880 को 15990, 15400 को 15990, 15930 को 16390 कर दिया गया है लेकिन इससे अधिक के वेतनमानों को कम कर दिया गया है। 16450 को 16390, 16970 को 16800 तथा 17490 को घटाकर 17270 कर दिया गया है। यहां पर स्पष्टीकरण है यह कि इस समूह के लोग कैप्टन, लेफ्टिनेंट और फ्लाइंग लेफ्टिनेंट हो जाएंगे। उन्हें 18490 का वेतनमान मिलना था जो अब बढ़ाकर 19190 कर किया गया है। मेजर, लेफ्टिनेंट कमांडर और स्क्वाड्रन लीडर के वेतनमान 23540 को बढ़ाकर 24540 रूपए कर दिया गया है।
सीएसएस एसोसिएशन ने बड़ी यूनियनबाजी से अपनी तनख्वाह और वेतनमान बढ़वाया था लेकिन छठे वेतन आयोग ने उसे बराबर कर दिया था। इससे सीएसएस वाले नाराज थे और वे आंदोलन की धमकी दे रहे थे। वित्त मंत्रालय ने उनकी विसंगतियों को दूर कर दिया है। अब जो सेक्शन ऑफिसर चार साल का कार्यकाल पूरा करेंगे, उन्हें 5400 का पे-बैंड मिलेगा। यह पहले 4800 किया हुआ था। यह लाभ इसी स्केल पर काम कर रहे दूसरी सेवा के अधिकारियों को नहीं मिलेगा। भारतीय सूचना सेवा के ग्रुप बी के अधिकारी इसी स्केल पर थे लेकिन अब वे नीचे आ गए हैं।
आयोग ने पुलिस को मिलने वाली वर्दी की शुरूआती ग्रांट को 13000 रूपए से बढ़ाकर 14000 रूपए कर दिया है। प्रत्येक तीन साल में मिलने वाली रिन्यूअल ग्रांट को छह हजार से कम कर तीन हजार किया गया है। वेतन आयोग ने स्पष्ट किया है कि पे-बैंड-1 में डी समूह के वही लोग जाएंगे जो न्यूनतम योग्यता रखतें हों अन्यथा वे तब तक पुराने समूह में बने रहेंगे जब तक कि योग्यता हासिल न कर लें।
इसके अलावा रात को ड्यूटी करने करने वाले रेलवे कर्मचारियों का भत्ता बढ़ाया जाएगा। इस बाबत विचार विमर्श जारी है।
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