बोनस की रकम बढ़ाने के प्रावधान वाले बोनस संदाय संशोधन विधेयक 2007 को सोमवार को राज्यसभा की स्वीकृति मिलने के साथ ही इस पर संसद की मुहर लग गई। लोकसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है।
अक्टूबर में जारी एक अध्यादेश के स्थान पर लाए गए इस विधेयक में बोनस के लिए वेतन पात्रता की सीमा साढ़े तीन हजार रुपये से 10 हजार रुपये और बोनस की गणना का आधार 2500 रुपये से 3500 रुपये प्रतिमाह करने का प्रावधान है।
राज्यसभा में हुई बहस के दौरान सदस्यों ने लाभ और उत्पादकता आधारित बोनस दिलाने, बोनस में मंहगाई के आधार पर वार्षिक वृद्धि करने और बोनस कानून का दायरा बढ़ाने के लिए एक व्यापक कानून लाने की मांग की। चर्चा के जवाब में श्रम राज्य मंत्री आस्कर फर्नाडीस ने कहा कि वह व्यापक कानून बनाने के सुझाव पर श्रमिक संघों और मालिकों से वार्ता करेंगे। उन्होंने अस्थायी प्रकृति वाले निर्माण श्रमिकों के बोनस की गणना मासिक आधार के बजाय साप्ताहिक आधार पर लागू करने की संभावना पर भी विचार करने का आश्वासन दिया।
फर्नाडीस ने कहा कि बोनस भुगतान के संशोधित प्रावधान पिछले वर्ष पहली अप्रैल से लागू माने जाएंगे। इस तरह बोनस कानून के तहत आने वाले संगठनों के मजदूरों और कर्मचारियों को 2006-07 के वेतन का बोनस नए प्रावधानों के आधार पर देय होगा।
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