24 October, 2008

टाटा मोटर्स ने और 400 कर्मचारियों को हटाया

दुनिया भर में छाए वित्तीय संकट के कारण जारी छंटनी के दौर के बीच देश की सबसे बड़ी वाहन निर्माता कंपनी टाटा मोटर्स ने उत्पादन में गिरावट के चलते अपने और चार सौ अस्थायी कर्मियों को 23 अक्टूबर से काम से हटा दिया। इससे पूर्व कंपनी ने 20 अक्टूबर को भी अपने लगभग तीन सौ कर्मियों को काम से हटा दिया था। टाटा मोटर्स के जमशेदपुर स्थित भारी वाहन संयंत्र के इन अस्थायी कर्मियों को बुधवार को नोटिस देकर बृहस्पतिवार से काम पर न आने को कहा गया है। संयंत्र के श्रमिक संगठन टेल्को वर्कर्स यूनियन के महासचिव चंद्रभान प्रसाद ने लगभग तीन सौ अस्थायी कर्मियों को बृहस्पतिवार से काम पर न आने का नोटिस मिलने की पुष्टि करते हुए बताया कि ये कर्मी विभिन्न विभागों से जुड़े थे।

इस बीच संयंत्र के प्रवक्ता कैप्टन पी जे सिंह ने भी अस्थायी कर्मियों को फिलहाल काम पर नहीं आने का नोटिस दिए जाने की पुष्टि की हालांकि उन्होंने कहा कि वह यह नहीं बता सकते कि यह संख्या तीन सौ है या उससे कुछ कम। उन्होंने कहा कि विभिन्न कारणों से उत्पादन में आई गिरावट के कारण यह कदम उठाया जा रहा है।

ज्ञातव्य है कि इससे पूर्व गत 20 अक्टूबर को भी जमशेदपुर संयंत्र के ट्रक डिवीजन लगभग एक सौ तथा कैब एंड क्वायल डिवीजन के दो सौ अस्थायी कर्मियों को काम से हटा दिया गया था। समझा जाता है कि वैश्विक मंदी के कारण उत्पादन में लगातार हो रही गिरावट के कारण यह कदम उठाया गया है। हर साल बरसात के बाद उत्पादन और मांग बढ़ने पर कंपनी और अस्थायी कर्मियों को काम पर बुलाती थी। पर इस बार पहले से कार्यरत लगभग पौने दो हजार अस्थायी कर्मियों में से भी लगभग छह सौ को हटाया जा रहा है। संयंत्र के कुल अस्थायी कर्मियों की संख्या साढ़े तीन हजार तक है।

1 comment:

  1. जिस तरह से मोटरगाड़ियों और दुपहिया वाहनों का उत्पादन बढ़ा है वह वास्तविक आवश्यकता से बहुत अधिक है। यह तो होना ही था। खुले बाजार का अर्थ ही अनियोजित उत्पादन है। मंदी इस का अनिवार्य भविष्य।
    नियंत्रित अर्थव्यवस्था और उचित वितरण के बिना इंन्सान का भला नहीं।

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