राजस्थान में छठा वेतन आयोग लागू होने से पैदा हुई वेतन विसंगतियों के बाद राज्य कर्मचारियों को दूसरा बड़ा झटका लगा है। सरकार ने उन्हे मिलने वाले पिछले बीस महीने के एरियर में मकान किराया भत्ता (एचआरए) का एरियर नहीं देने का ऐलान किया है। इसका असर सबसे ज्यादा उन कर्मचारियों पर पड़ेगा जो 5000 से 8000, 5500 से 90000 और 6500 से कम 10,500 की वेतन श्रृंखला में थे। राजस्थान में इनकी संख्या लगभग 4।50 लाख है।
छठे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने के बाद फिक्सेशन, एरियर और अन्य विषयों के संबंध में राज्य कर्मचारियों की ओर से मांगे गए स्पष्टीकरण में वित्त विभाग ने यह खुलासा किया है। वित्त विभाग के प्रमुख सचिव सुभाष गर्ग का कहना है कि वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने के बाद दिए जाने वाले एरियर के रूप में कभी भी मकान किराया भत्ता (एचआरए) देने की परंपरा नही रही है। इसलिए राज्य कर्मचारियों को इस बार भी मकान किराया भत्ते का एरियर नहीं दिया जाएगा, लेकिन मौजूदा नए वेतन पर यह एरियर नियमानुसार मिलेगा।
एचआरए के पुराने आदेशों के बारे में गर्ग का कहना है कि हो सकता है उस समय वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने के बाद मकान किराया भत्ता देर से दिया हो, इसलिए बाद में आदेश जारी किए गए हों। सरकार के इस फैसले के राज्य कर्मचारियों में भारी निराशा है। कर्मचारियों का कहना है कि पाचवें वेतन आयोग के समय तत्कालीन भैरोंसिंह शेखावत सरकार ने तो केवल 12 महीने का ही एचआरए का एरियर नहीं दिया था, लेकिन इस सरकार ने पूरे 20 महीने के एरियर को ही नहीं दिया है। इधर, छठे वेतन आयोग की सिफारिशों से वेतन विसंगतियों को लेकर बनी कर्मचारी एकता समिति ने केंद्र के समान वेतनमान देने को लेकर संघर्ष करने की रणनीति बनाई है। समिति के केंद्र के समान वेतनमान देने को लेकर संघर्ष करने की रणनीति बनाई है।
19 October, 2008
कर्मचारियों को लगा झटका ,नहीं मिलेगा एरियर
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