देश के प्रमुख वाणिज्य उघोग मंडल ASSOCHAM ने एक आकलन किया है कि सीमेंट, इस्पात, निर्माण, अचल संपत्ति, उड्डयन, सूचना आधारित और वित्त सेवा क्षेत्र के कर्मचारियों को सतर्क होना चाहिए क्योंकि आने वाले चंद दिनों में इन क्षेत्रों में बडे़ पैमाने पर कर्मचारियों की छंटनी किए जाने की संभावना है। एसोचैम ने अनुमान व्यक्त किया है कि संभवत: इस क्षेत्र में 25 से 30 प्रतिशत कर्मचारी हटाए जाएंगे।
संगठन का कहना है कि आर्थिक वित्त संकट के दौर में सिकुड़ते मार्जिन को देखते हुए इन क्षेत्रों की कंपनियां लागत को कम करने के उपायों के तहत अगले दस दिन में नौकरियों पर कैंची चला सकती है। एसोचैम ने कहा है कि पिछले दो तिमाही से विस्तार की गति थमी है। देश के सकल घरेलू उत्पाद की बृद्धि दर पिछले चार साल में आठ प्रतिशत से नीचे आने की संभावना है। वित्त संकट को देखते हुए ऊंची ब्याज दरों के कारण मांग प्रभावित हुई है।
रिजर्व बैंक ने 24 अक्टूबर को जारी चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही की मौद्रिक एवं ऋण नीति की समीझा में देश की विकास दर के अनुमान को पहले के आठ प्रतिशत की तुलना में 2008-09 में घटाकर 7.5 से 8 प्रतिशत कर दिया है। समाप्त वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद में नौ प्रतिशत की जोरदार वृद्धि हुई थी।
एसोचैम ने कहा है नियोक्ता के पास अपनी कंपनी रणनीति के तहत परिचालन को बनाए रखने के लिए इसके अलावा कोई और विकल्प नहीं है। घटते मार्जिन में कंपनियां पहले ही लागत कम करने के लिए पहले ही कई कदम उठा चुकी है। टाटा स्टील हाल ही में अनुबंध में रखे गए अपने सैकड़ों कर्मचारियों को हटा चुका है। इससे पहले निजी क्षेत्र की विमानन कंपनी जेट एअरवेज ने 1900 कर्मचारियों को हटाने के फैसले से काफी बवाल मचा था और इसके बाद कंपनी को अपना यह फैसला वापस लेना पड़ा था। पिछले सप्ताह रियल एस्टेट क्षेत्र की कंपनी पार्श्वनाथ ने भी पिछले सप्ताह कहा है कि वह अपने कर्मचारियों की संख्या को तर्क संगत बनाएगी।
30 October, 2008
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बहुत बुरी खबर है ये तो।
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