16 October, 2008

सैन्य बलों की सभी मांगे मानने हेतु केबिनेट की मंजूरी आज!?

सैन्य बलों को दिवाली का तोहफा देते हुए छठे वेतन आयोग की रिपोर्ट से उपजी चारों विसंगतियों को दूर करने की सम्भावनाओं के बीच केंद्रीय मंत्रिमंडल में आज इस आशय का प्रस्ताव पारित होने जा रहा है। सैन्य बलों ने जिन मामलों को सरकार के सामने उठाया था। मोटे तौर पर उन सभी का समाधान मुखर्जी समिति करने जा रही है। सूत्रों के अनुसार समिति ने सैन्य प्रमुखों की सभी मांगों का इस ढंग से समाधान करने का निर्णय लिया है कि उसके बाद कोई शिकायत बाकी नहीं रह जाए।

वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने संबंधी प्रस्ताव केबिनेट ने पारित किया था और उसमें तब्दीली भी अब केबिनेट ही कर सकती है। संसद का सत्र 17 अक्टूबर को शुरू होने से एक दिन पहले आज होने वाली केबिनेट की नियमित बैठक में सैन्य बलों की वेतन विसंगतियों को दूर करने के बारे में निर्णय लिया जाएगा।

सैन्य प्रमुखों का ज्ञापन मिलने के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गत 25 सितम्बर को विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति गठित की थी जिसमें वित्त मंत्री पी चिदम्बरम के अलावा रक्षा मंत्री ए के एंटनी भी शामिल हैं। इस समिति की पहली बैठक 14 अक्टूबर को हुई, जिसमें लेफ्टीनेंट कर्नलों को वेतन बैंड चार में रखने, आफिसर से नीचे के रैंक के कर्मियों की पेंशन वेटेज 70 प्रतिशत तक बहाल करने लेफ्टिनेंट जनरलों को उच्चतर प्रशासनिक ग्रेड में रखने तथा असैन्य एवं अर्ध सैनिक बलों के साथ वेतन तुलनात्मक वेतन रखने की मांग पर विचार किया गया।

'वार्ता' की ख़बर है कि आसन्न आम चुनाव को देखते हुए राजनीतिक नेतृत्व 14 लाख सैन्यकर्मियों के नाराज होने की कोई गुंजाइश नहीं छोडना चाहता क्योंकि उनके प्रति व्यापक पैमाने पर जनता की सहानुभूति है। वायु सेना दिवस सैन्यकर्मियों के लिए राजनीतिक नेतृत्व के साथ खुलकर बातचीत करने का बढिया मौका लेकर आया था जिसमें वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल फली होमी मेजर के निवास पर आयोजित मिलन समारोह में प्रधानमंत्री. वित्त मंत्री और रझा मंत्री के साथ तीनों सेनाओं के प्रमुखों की अनौपचारिक बातचीत हुई। इस समारोह के बाद तीनों प्रमुखों के चेहरे पर संतोष और खुशी की झलक थी।

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