28 November, 2008

उत्तर प्रदेश के कर्मचारियों के लिए छठा वेतन आयोग लागू

अपनी घोषणा पर अमल करते हुए उत्तर प्रदेश की सरकार ने 27 नवम्बर को प्रदेश के कर्मचारियों के लिए छठा वेतन आयोग लागू कर दिया है। प्रदेश के कर्मचारियों को बढ़ा वेतन पहली जनवरी 2006 से दिया जायेगा। हालांकि कर्मचारियों को बढ़ा हुआ वेतन नए साल में ही मिलेगा। कर्मचारियों को उनके एरियर का 80 फीसदी सीधे भविष्य निधि में दिया जाएगा जबकि 20 फीसदी का नकद भुगतान किया जाएगा। सुश्री मायावती की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस आशय का फैसला लिया गया है।

शिक्षकों को बिना किसी संघर्ष के छठे वेतनमान का तोहफा मिल गया है। राज्य कर्मचारियों के साथ ही सभी सहायता प्राप्त कालेजों के शिक्षकों और तकनीकी कालेजों के शिक्षकों को भी नए वेतनमान देने का फैसला किया गया है। पहली बार पेंशन, पारिवारिक पेंशन, मातृत्व लाभ, सीसीए, गच्चुटी और अन्य भत्ते केंद्र की ही तरह से मिलेंगे।

27 November, 2008

तेल कंपनियों के अधिकारी हड़ताल पर गए तो कार्रवाई!

पेट्रोलियम मंत्रालय ने सरकारी तेल कंपनियों के अधिकारियों के दो दिसंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के निर्णय को बेहद गैर-जिम्मेदाराना बताया है। मंत्रालय ने कहा है कि आयल सेक्टर आफिसर्स एसोसिएशन [ओसा] ने जिन मुद्दों पर हड़ताल पर जाने का फैसला किया है वे आधारहीन हैं। सरकार ने ग्लोबल मंदी के बावजूद तेल कंपनियों के अधिकारियों के वेतन में सालाना 4.5 लाख रुपये से लेकर आठ लाख रुपये तक की वृद्धि का फैसला किया है। इसके बावजूद हड़ताल पर जाने का ओसा का आह्वान समझ से परे है।

पेट्रोलियम सचिव आरएस। पांडे ने तेल कंपनियों के आला अधिकारियों के साथ इस मुद्दे पर बातचीत की है। तेल कंपनियों को साफ तौर पर कहा गया है कि वे सबसे पहले तो यह सुनिश्चित करें कि हड़ताल होने की स्थिति में भी कंपनियों के काम पर खास असर नहीं पड़े। सभी तेल कंपनियों ने आपातकालीन तैयारी भी शुरू कर दी है। खास तौर पर इस बात पर ध्यान दिया जा रहा है कि किसी भी स्थिति में रिफाइनरियों में काम सुचारु रूप से चलता रहे।

सनद रहे कि ओसा ने सरकारी क्षेत्र के उपक्रमों के कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि करने के सरकार के फैसले को अपर्याप्त मानते हुए दो दिसंबर, 2008 से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है। ओसा का कहना है कि सरकार के नए फैसले के बाद उनके मूल वेतन में केवल 30 फीसदी की वृद्धि हो रही है, जबकि मंत्रालय का आकलन है कि मूल वेतन और महंगाई भत्ते के कुल योग पर वृद्धि का फैसला किया गया है जो मूल वेतन का 51 फीसदी होता है।

इसी तरह से ओसा का कहना है कि नया वेतनमान लागू होने के बाद उनके वेतन में कुछ सौ रुपये की वृद्धि होगी। जबकि मंत्रालय का कहना है कि यह वृद्धि ग्रेड-ए के अधिकारियों के लिए 28,032 रुपये की होगी। ग्रेड बढ़ने के साथ वृद्धि और आकर्षक होती जाएगी। ग्रेड-आई के अधिकारियों के लिए यह वेतन वृद्धि 66,771 रुपये प्रति माह की हो जाती है। इस बारे में पेट्रोलियम मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव एस। सुंदरेशन ने हड़ताल पर जाने की धमकी को पूरी तरीके से गैर-जिम्मेदाराना करार दिया है।

24 November, 2008

PSUs कर्मियों को केंद्र का तोहफा

केन्द्रीय सार्वजनिक उपक्रमों के करीब चार लाख अधिकारी और सुपरवाइजर स्तर के कर्मियों को अब तक की सर्वाधिक वेतन वृध्दि की सौगात देते हुए सरकार ने कहा है कि इससे केन्द्रीय उपक्रमों का प्रदर्शन सुधरेगा और उच्च कर्मचारियों का निजी क्षेत्र की तरफ पलायन रुकेगा। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने केन्द्रीय उपक्रमों के लिए गठित दूसरी वेतन निर्धारण समिति की सिफारिशों को मंजूरी दे दी है। नए वेतनमान एक जनवरी, 2007 से लागू होंगे।  इससे करीब 151 मुनाफा कमाने वाले केन्द्रीय उपक्रमों के 2.58 लाख अधिकारी स्तर के और 1.20 लाख यूनियन से अलग रहने वाले सुपरवाइजर स्तर के कर्मचारियों को वेतन वृध्दि का लाभ मिलेगा। घाटे में चलने वाले केन्द्रीय उपक्रम के कर्मी वेतन वृध्दि के पैकेज से महरुम रहेंगे। नया पैकेज लागू करने के लिए उन्हें लगातार तीन साल तक मुनाफा कमाना होगा।

पिछले साल कुल 217 केन्द्रीय उपक्रम थे, जिनमें से 151 मुनाफा कमा रहे थे। इनमें से भी 76 उपक्रम ही मजबूत है और वही नए वेतनमानों को पूरी तरह से लागू करने की स्थिति में बाकी 75 उपक्रम नये पैकेज को आंशिक रूप में ही लागू कर पाएंगे। शेष 66 घाटे में चलने वाले उपक्रम नए पैकेज का लाभ नहीं उठा पाएंगे।

नए वेतनमानों के मुताबिक 'ए' श्रेणी में आने वाले केन्द्रीय उपक्रमों के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशकों का मूल वेतन अब 80 हजार से शुरू होकर सवा लाख रुपए मासिक तक होगा। सबसे निम्न 'डी' श्रेणी में आने वाले उपक्रमों के सीएमडी के लिए 51300 से लेकर 73000 रुपए तक का मूल वेतन पाएंग, जबकि इस श्रेणी के निदेशक मंडल के सदस्यों के लिए 43200 से 66000 रुपए तक के नए वेतनमान तय किए गए हैं।

कार्यकारी अधिकारियों की पुरानी मांग को मानते हुए ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा 3.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 10 लाख रुपए कर दी है। नए पैकेज में सरकार ने कार्यकारी स्तर के सभी अधिकारियों को एक जनवरी, 2007 के उनके मूल वेतन पर 30 प्रतिशत की समान दर से फिटमेंट देने का फैसला किया है। केन्द्रीय उपक्रमों की वर्तमान चार श्रेणियों को यथावत रखा गया है।

केन्द्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एम जगन्नाथ राव की अध्यक्षता में केन्द्रीय उपक्रमों की वेतन समीक्षा समिति का गठन किया था। समिति ने इसी साल 30 मई को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। उसके बाद अब मंत्रिमंडल ने भी इन पर अपनी मुहर लगा दी।

4000 रुपए तक के उपहार ले सकेंगे सरकारी कर्मचारी

हरियाणा सरकार ने कर्मचारियों के उपहार स्वीकारने की सीमा निर्धारित कर दी है। इसके तहत कर्मचारी विवाह, वर्षगांठ व धार्मिक समारोह में निकट संबंधियों व मित्रों से 4000 रुपए तक के उपहार ले सकेंगे। 

उपहार इससे ज्यादा के हुए तो उन्हें इसकी सूचना सरकार को देनी होगी। पहले उपहार की सीमा 500 रुपए थी। यह फैसला शुक्रवार को मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। यह भी तय किया गया कि किसी अन्य मामले में पहले व दूसरे दर्जे के कर्मचारी 1000 रुपए और तीसरे व चौथे दर्जे के कर्मचारी 500 रुपए से ज्यादा के उपहार सरकार की मंजूरी के बिना न खुद लेंगे और न परिवार के किसी सदस्य को ऐसा करने की इजाजत देंगे। 

बैठक में उपहार की यह सीमा 100 रुपए से बढ़ा कर 1000 रुपए और 50 रुपए से बढ़ा कर 500 रुपए की गई है। बैठक में यह भी तय किया गया है कि कोई सरकारी कर्मचारी या उसके परिवार का आश्रित सदस्य अपने नाम से 50,000 रुपए से ज्यादा की अचल संपत्ति का सौदा करता है तो उसे एक महीने में इसकी सूचना संबंधित अधिकारी को देनी होगी।

20 November, 2008

जजों और सार्वजनिक उपक्रमों (PSUs) के लाखों कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले होगी!?

केंद्र सरकार के सार्वजनिक उपक्रमों के लाखों कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले होने वाली है। केंद्रीय कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग की सौगात देने के बाद केंद्र सरकार केंद्रीय सार्वजनिक उद्यमों (Central PSUs) के कर्मचारियों तथा अधिकारियों के भी वेतन बढ़ाने के प्रस्ताव को आज कैबिनेट में विचार करने के लिए ला रही है। इस संबंध में वित्त मंत्रालय ने अपना प्रस्ताव सरकार के पास भेजा है।

आज होने वाली कैबिनेट की बैठक में सरकार यदि वित्त मंत्रालय का प्रस्ताव स्वीकार कर लेती है तो प्रस्तावित वेतनमान में सभी लाभार्थियों को दो गुना से लेकर तीन गुना वेतनवृद्धि का लाभ मिलेगा जबकि नवरत्न कंपनियों के अध्यक्षों का वेतन केंद्र सरकार के सचिव से लेकर कैबिनेट सचिव से भी ऊपर हो जाएगा। ONGC, HPCL, Indian Oil जैसी कंपनियों के सीएमडी का वेतन 27500-31000 से बढ़कर 80,000-125,000 रूपए महीना हो जाएगा जबकि एक्जीक्यूटिव का वेतन 6500-11350 से बढ़कर 12600-32500 रूपए महीना हो जाएगा। इसके अतिरिक्त DA भी मिलेगा।

इसके अलावा सरकार सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट के जजों के भी वेतन बढ़ाने के प्रस्ताव पर भी विचार करेगी।

18 November, 2008

सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों के अधिकारियों की हड़ताल टली

सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों के अधिकारियों ने 17 नवम्बर से प्रस्तावित अपनी हड़ताल को एक हफ्ते के लिए टाल दिया है। अधिकारियों ने अधिक वेतनमान की मांग को लेकर बेमियादी हड़ताल पर जाने की घोषणा की थी। तेल क्षेत्र अधिकारी एसोसिएशन (OSOA) के अध्यक्ष अमित कुमार ने बताया कि वेतनमान पर कैबिनेट की बैठक में विचार-विमर्श को ध्यान में रखते हुए यह फैसला किया गया है। कैबिनेट 20 नवंबर को इस मसले पर विचार करेगी। इससे पहले ओएसओए ने कहा था कि एक जनवरी 2007 से वेतनमान में संशोधन नहीं किए जाने की वजह से सार्वजनिक क्षेत्र की 14 कंपनियों के 50000 अधिकारी कल हड़ताल पर जाएंगे।

पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवड़ा ने व्यापक तौर पर राष्ट्रीय हित की बात ध्यान में रखकर कर्मचारियों को हड़ताल पर जाने का फैसला वापस लेने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि उनका मंत्रालय अधिक वेतनमान का समर्थन करता है और इस सिलसिले में उसने सार्वजनिक उद्यम विभाग को इस बारे में सुझाव दिया है। अमित कुमार ने कहा कि कैबिनेट की बैठक के बाद ही एसोसिएशन अपने भावी रणनीति की घोषणा करेगा।

17 November, 2008

केंद्रीय कर्मियों की सेवानिवृत्ति की आयु नहीं बढ़ेगी

केंद्रीय कर्मियों की सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाए जाने की अटकलों को खारिज करते हुए सरकार ने स्पष्ट किया है कि ऐसी कोई योजना नहीं है। इस बारे में कैबिनेट सचिव केएम। चंद्रशेखर ने कहा कि ऐसी किसी योजना पर सरकार विचार नहीं कर रही। इस मामले में यथास्थिति बनी रहेगी। इस समय केंद्रीय कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु 60 साल है।

चंद्रशेखर ने कहा कि इस तरह की अफवाह हैं, लेकिन इसमें कोई सच्चाई नहीं है। एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि मैने जानने की कोशिश की लेकिन किसी विभाग में ऐसी कोई फाइल नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु सरकारें ही तय करती हैं। अलग अलग राज्यों में सेवानिवृत्ति की अलग अलग आयु है। केरल में वहां के सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु 55 साल है वहीं उत्तर प्रदेश और असम में 60 साल, मध्यप्रदेश में सरकारी स्कूलों में सेवानिवृत्ति की आयु 62 साल है।

राजस्थान रोडवेज में छठा वेतनमान लागू

राजस्थान रोडवेज में छठा वेतनमान 17 नवम्बर से लागू हो जाएगा। इसका 22 हजार कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। राजस्थान रोडवेज ने बोर्ड की बैठक में पिछले महीने छठे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने की मंजूरी दी थी। चुनाव आचार संहिता के कारण इसे लागू नहीं किया जा सका। इसके लिए चुनाव आयोग ने अनुमति मांगी गई। वहां से अनुमति मिलने के बाद रोडवेज अध्यक्ष ने इसे लागू करने के आदेश दे दिए हैं।

संभवतया यह सोमवार से लागू हो जाएगा। सवा चार सौ करोड़ के घाटे से जूझ रहे रोडवेज को इसे लागू करने के बाद 9 करोड़ रुपये प्रतिमाह अतिरिक्त भार पड़ेगा। इससे निपटने के लिए रोडवेज प्रशासन ने डिपो के मुख्य प्रबंधकों को आय बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।

NTPC के कर्मचारी हड़ताल पर

देश में बिजली का उत्पादन करने वाली सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी नेशनल थर्मल पावर कार्पोरेशन (एनटीपीसी) के कर्मचारियों ने कहा है कि वे, वेतन आयोग के सुझावों में विसंगतियों के विरोध में 17 दिसम्बर को एक दिवसीय हड़ताल पर जाएंगे।

एनईएफआई के अध्यक्ष राकेश पांडे ने कहा, ‘एनटीपीसी एग्जीक्यूटिव फेडरेशन आफ इंडिया' की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में आन्दोलन का रास्ता अपनाने का निर्णय किया गया।

16 November, 2008

PSU कर्मचारियों के भत्तों और बोनस पर भी कैंची

लागत खर्च में बेहिसाब बढ़ोतरी और अर्थव्यवस्था पर मंदी के बादल छाने की वजह से सार्वजनिक क्षेत्र की कुछ कंपनियां (Public Sector Undertakings) कर्मचारियों के भत्तों और प्रदर्शन पर आधारित बोनस घटाने की योजना बना रही हैं। कुछ सरकारी कंपनियों के दूसरी तिमाही के नतीजों में उनके मुनाफे में भारी कमी देखने को मिली है। इसलिए ऐसी कुछ कंपनियां कपड़ा धुलाई, क्लब मेम्बरशिप, समाचार पत्र और पत्रिका, मनोरंजन, अनहेल्दी लोकेलिटी एलाउंस, कैश हैंडलिंग, शिक्षा और काम के दौरान प्रदर्शन पर आधारित अतिरिक्त राशि जैसे भत्तों में कटौती करना चाहती हैं।

यह कदम ऐसे वक्त आया है जब निजी सेक्टर की उनकी प्रतिस्पर्धी कंपनियां पहले से ही ऐसे उपाय कर रही हैं। इनमें कलर प्रिंटर का ज्यादा इस्तेमाल न करना, चौबीसों घंटे एयरकंडीशनर न चलाने और कर्मचारियों को लंच कूपन मुहैया कराने पर रोक लगाना शामिल है। सरकारी कंपनियों का मानना है कि कैश हैंडलिंग एलाउंस जैसे भत्तों का कोई मतलब नहीं है और इससे कंपनी पर बोझ बढ़ता है।

पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज (डीपीई) विभाग के एक अधिकारी के अनुसार 'निश्चित रूप से प्रदर्शन वेतन के तौर पर मिलने वाले बोनस में कटौती देखने को मिल सकती है, क्योंकि सार्वजनिक क्षेत्र की कुछ कंपनियों के नतीजे अच्छे नहीं आए हैं। इकनॉमिक टाइम्स में धीरज तिवारी/ सुभाष नारायण की रिपोर्ट है कि सरकारी तेल कंपनियों के लिए हालात और खराब हो सकते हैं जिन्होंने सबसे ज्यादा मार खाई है। हालांकि, वे भत्ते देना जारी रखना चाहते हैं या नहीं, यह संबंधित कंपनियों और उनके प्रशासनिक मंत्रालयों पर निर्भर करता है।' लागत में कमी लाने की इस प्रक्रिया को इस्तेमाल करने में मुनाफा बनाने वाली कंपनियां भी पीछे नहीं हैं जो बाजारों में नकदी के संकट की वजह से प्रदर्शन आधारित बोनस काटने का मंसूबा रखते हैं। इन कंपनियों की योजना अपने मुनाफे का बड़ा हिस्सा रिजर्व में लगाने की है जिनमें विदेशी परियोजना रिजर्व और आम रिजर्व शामिल है।

भत्तों के तौर पर दी जाने वाली रकम में काफी गिरावट आएगी। फिलहाल, कंपनी की ओर से बांटे जाने वाला मुनाफे का 5 फीसदी हिस्सा है प्रदर्शन आधारित बोनस के तौर पर दिया जा सकता है। इंडियन ऑयल (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (एचपीसीएल) समेत तीनों तेल कंपनियों का संयुक्त नुकसान 2008-09 की पहली तिमाही में 14,000 करोड़ रुपए रहने का अनुमान है। मौजूदा नियमों के मुताबिक सरकारी कंपनियों में दूसरे भत्ते, मूल वेतन के 50 फीसदी से ज्यादा नहीं हो सकते।

08 November, 2008

नौकरी के लिए गर्मजोशी से हाथ भी मिलाइए

साक्षात्कार में में टाई के रंग, अच्छी वेषभूषा और मुस्कान से ही काम नहीं चलेगा, इसके लिये गर्मजोशी के साथ हाथ मिलाना भी जरूरी है। एक अंतरराष्ट्रीय दल ने शोध के बाद यह खुलासा किया है। अध्ययन में पाया गया कि सुस्ती के साथ हाथ मिलाने के बजाय रोज़गारादाता उन लोगों को तवज्जो देते हैं जो गर्मजोशी से हाथ मिलाते हैं। नजर मिलाकर बात करना और अधिक फायदेमंद है। डेली मेल में छपी रिपोर्ट में कहा गया कि जिंदादिली से हाथ मिलाने वाले अधिक सामाजिक, दोस्ताना और प्रभावित करने वाले माने जाते हैं जबकि ढीले-ढाले ढंग से पेश आने वालों को अंतर्मुखी, शर्मीला और स्नायुतंत्र से संबंधित समस्या से ग्रस्त माना जाता है।

शोध करने वाले दल के नेता जॉर्ज स्टीवर्ट ने कहा, 'हमने पाया कि हाथ कैसे मिलाते हैं, इससे ही पहला प्रभाव बाकी इंटरव्यू पर पड़ता है।' दल ने कुछ विशेषज्ञों का सहारा लिया जिन्होंने आवेदनकर्ताओं के इंटरव्यू से पहले उनके साथ हाथ मिलाया और उसकी गर्मजोशी और अवधि को नोट किया गया। बाद में उसका मिलान नतीजों से किया गया।

नई नौकरी पाने में टाई का भी अहम रोल होता है

अगली बार जब आप साक्षात्कार के लिए जाएं तो यह सुनिश्चित कर लें कि आपने अच्छी टाई पहनी हो। एक अध्ययन में खुलासा हुआ है कि नई नौकरी पाने में टाई के रंग की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। ब्रिटेन के शोधकर्ताओं ने अध्ययन में पाया कि टाई का रंग और उसकी डिजाइन कुछ खास तरह के लोगों से संबंधित होती है। उदाहरण के लिए बैगनी, हरी या गुलाबी रंग की टाई पहनना नई नौकरी के लिए अच्छा नहीं है।

उनके अनुसार बैगनी रंग की टाई घमंड एवं तड़क-भड़क का सूचक है और साक्षात्कार से पहले ही उम्मीदवार को खारिज किया जा सकता है। हरे रंग की टाई का भी बुरा प्रभाव पड़ता है, क्योंकि इससे पता चलता है कि पहनने वाला आदमी लालची, ईर्ष्यालु एवं दुर्भाग्यशाली है। और गुलाबी रंग की टाई को वार्डरोब में सबसे पीछे रखना चाहिए, क्योंकि भावुक प्रेमी इसे ज्यादा पसंद करते हैं। तब शुभ टाई कौन सी रहेगी।

शोध के अनुसार पीली, लाल और कत्थई रंग बेहतर होगा। इन रंगों की टाइयां पहनने वालों को क्रमश: दमदार, शाक्तिशाली और सौम्य प्रवृत्ति वाला माना जाता है।

04 November, 2008

उड़ीसा में छठे वेतन आयोग की संस्तुतियों को हरी झंडी

छठे वेतन कमीशन की सिफारिश के अनुसार उड़ीसा के सरकारी कर्मचारियों को वेतन प्रदान करने के लिए सरकार ने हरी झण्डी दे दी है। वित्ता मंत्री प्रफुल्ल चन्द्र घड़ेई ने संकेत देने के साथ-साथ सरकारी कर्मचारियों को छठे वेतन कमीशन की सिफारिश के अनुसार वेतन प्रदान करने हेतु सरकार द्वारा फिटमेंट कमेटी गठित करने की बात कही है। फिटमेंट कमेटी छठे वेतन कमीशन की सिफारिश, कर्मचारियों की मांग और आर्थिक बोझ सम्बन्धित अनुध्यान कर आगामी तीन महीने के अन्दर सरकार को रिपोर्ट देगी।

फिटमेंट कमेटी की रिपोर्ट मिलने के बाद राज्य में इस पर निर्णय लिया जाएगा। इस हेतु आगामी बजट में वित्त व्यवस्था की जाने की बात मंत्री श्री घड़ेई ने कही है। गौरतलब है कि छठे वेतन कमीशन की सिफारिश लागू करने पर सरकार को अधिक 700 करोड़ रुपये का आर्थिक बोझ उठाना पड़ेगा। इस दौरान विकास कमिश्नर की अध्यक्षता में गठित फिटमेंट कमेटी पिछले 23 तारीख से सरकारी कर्मचारियों के विभिन्न संघों की ओर से सुनवाई शुरू कर दी है। यह आगामी चार नवंबर तक चालू रहेगी। फिटमेंट कमेटी के सामने संघ की ओर से वेतन कमीशन की सिफारिश कार्यकारी करने के लिए अपने विचार रखे जाएंगे। फिटमेंट कमेटी द्वारा सरकार को दी जाने वाली रिपोर्ट पर कर्मचारियों के नए वेतन सम्बन्धित निर्णय लिया जाएगा।

ASSOCHAM ने छंटनी पर रिपोर्ट वापस ली

सरकार और उद्योग जगत के कई हिस्सों से एक साथ नकारे जाने के बाद प्रमुख उद्योग चैंबर ASSOCHAM ने अपनी उस विवादास्पद रिपोर्ट को वापस ले लिया है, जिसमें 10 दिनों के भीतर 25 फीसदी नौकरियों में छंटनी की बात कही गई थी। एसोचैम ने अपनी रिपोर्ट वापस लेते हुए यह भी कहा है कि कुछ क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर भी पैदा हो रहे हैं। एसोचैम की रिपोर्ट पर जबरदस्त राजनीतिक प्रतिक्रिया हुई थी।

दो दिन पहले एसोचैम की तरफ से जारी इस रिपोर्ट में कहा गया था कि सीमेंट, स्टील, आईटी, बीपीओ सहित सात प्रमुख क्षेत्रों में अगले 10 दिनों के भीतर 25 फीसदी कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है।

01 November, 2008

अविवाहित सरकारीकर्मी के आश्रित को अनुकंपा पर नौकरी

बिहार में अब अविवाहित सरकारी कर्मियों की सेवा काल में मौत होने पर उनके आश्रितों को भी अनुकंपा के आधार पर नौकरी मिल सकेगी। अब तक ऐसा प्रावधान नहीं था। 30 अक्टूबर को कैबिनेट की बैठक में इस आशय का फैसला लिया गया। इसके अतिरिक्त सरकारी कर्मियों की गुमशुदगी की स्थिति में अब सात वर्ष की जगह दो वर्ष की अवधि में ही उनके एक आश्रित को नौकरी मिल सकेगी। कैबिनेट की बैठक में हुए निर्णयों की जानकारी कैबिनेट के प्रधान सचिव गिरीश शंकर ने मीडिया को दी।

उन्होंने बताया कि सेवाकाल में अविवाहित कर्मियों की मौत होने पर समूह-ग व घ के पदों पर उनके भाई, विधवा, मां या छोटी बहन को अनुकंपा के आधार पर नौकरी मिल सकेगी। इसी तरह अगर कोई सरकारी कर्मी गुम हो जाता है तो अब दो वर्ष के भीतर उसके परिजन को उसकी जगह नौकरी मिल जाएगी। पहले इसके लिए सात वर्षों तक इंतजार किया जाता था। दो वर्ष बाद संबंधित कर्मी की जगह नौकरी कर रहे उसके आश्रित की नौकरी उस वक्त स्वत: समाप्त हो जाएगी जब गुम सरकारी कर्मी अचानक लौट आए।