01 March, 2008

टैक्स स्लैब में परिवर्तन

वित्तीय वर्ष 2008-09 के लिए व्यक्तिगत आयकर दाताओं के लिए छूट की सीमा एक लाख दस हजार से बढ़ाकर डेढ़ लाख रूपए कर दी है। आयकर दाताओं को आयकर की छूट सीमा बढ़ने की तुलना में ज्यादा फायदा कर की दरें कम होने से होगा।

महिला आयकरदाताओं के लिए छूट की सीमा एक लाख 45 हजार से बढ़ाकर एक लाख 80 हजार तथा वरिष्ठ नागरिकों के लिए छूट की सीमा एक लाख 95 हजार से बढ़ाकर सवा दो लाख रूपए कर दी गई है। आयकर छूट की सीमा डेढ़ लाख करने से व्यक्तिगत आयकरदाताओं को चार हजार रूपए, महिला आयकरदाताओं को साढ़े छह हजार रूपए तथा वरिष्ठ नागरिक आयकरदाताओं को छह हजार रूपए का फायदा कर बचत के रूप में होगा। इन सभी आयकरदाताओं को इससे ज्यादा फायदा डेढ़ लाख से तीन लाख तक की आय पर कर की दर घटाकर दस फीसद करने से होगा।

पहले जिन लोगों की आय एक लाख दस हजार से डेढ़ लाख के बीच थी उन पर ही दस फीसद का कर लगता था। डेढ़ से ढाई लाख की आय पर कर की दर 20 फीसद तथा ढाई से दस लाख तक की आय पर 30 फीसद थी। दस लाख से ऊपर की आय वालों को 30 फीसद कर के अलावा दस फीसद का सरचार्ज और तीन फीसद का सेस भी देना होता था। अब जिन लोगों की आय तीन लाख रूपए तक होगी उन्हें डेढ़ लाख रूपए तक तो कोई कर नहीं देना होगा। साथ ही डेढ़ से तीन लाख रूपए तक की आय पर दस फीसद की दर से 15000 रूपए का कर देना होगा। पहले तीन लाख रूपए की आय पर कर की राशि 39000 रूपए बैठती थी।

एक लाख दस हजार से डेढ़ लाख तक की राशि दस फीसद के हिसाब से चार हजार रूपये, डेढ़ से ढाई लाख के बीच की एक लाख की राशि पर 20 फीसद के हिसाब से बीस हजार रूपए तथा ढाई से तीन लाख के बीच के पचास हजार रूपए पर 30 फीसद के हिसाब से पंद्रह हजार रूपए कर के रूप में बनते थे। इस तरह यह राशि कुल मिलाकर 39 हजार रूपए बनती थी। इसी तरह कर की दर कम होने से तीन लाख रूपए सालाना आय वाले व्यक्ति को कम से कम 24000 हजार रूपए की बचत होगी। फायदे की यह गणना तीन प्रतिशत के सेस (उपकर) के बिना की गई है।

उपकर वह कर है जो कर में सरचार्ज की राशि को शामिल करके आने वाली राशि पर लगाया जाता है। सरचार्ज वह कर है जो कर पर लगाया जाता है। जिन लोगों की आय दस लाख रूपए से अधिक है उनकी एक लाख की आय पर 30 हजार रूपए का आयकर, 30 फीसद की दर से, 30 हजार पर दस फीसद का सरचार्ज 3000 हजार रूपए तथा 33000 हजार रूपए (कर जमा सरचार्ज) पर तीन फीसद का सेस 990 रूपए देय होगा।

बजट प्रस्तावों के तहत 1।5 से 3.0 लाख रूपए के बीच की आय पर 10 प्रतिशत, 3 से 5 लाख रूपए की आय पर 20 प्रतिशत एवं 5 से 10 लाख रूपए की आय पर 30 प्रतिशत का आयकर देना होगा। 10 लाख से अधिक आय वाले व्यक्तियों को गत वर्ष की तरह दस फीसद का सरचार्ज और तीन फीसद का उपकर (सेस) भी देना होगा।

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