नौकरीपेशा गर्भवती महिलाओं के पास मुस्कुराने के लिए अब एक और वजह है। केन्द्र सरकार ने कामकाजी गर्भवती महिलाओं के लिए मातृत्व लाभ कानून 1961 में संशोधन कर बोनस राशि चार गुना बढ़ाकर एक हजार रुपए करने का निर्णय लिया है।
संसदीय कार्यमंत्री प्रियरंजन दासमुंशी ने इस निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि इसके लिए मौजूदा कानून में संशोधन करने के लिए संसद में विधेयक लाया जाएगा।उन्होंने कहा कि मौजूदा आर्थिक परिस्थितियों में 250 रुपए की बोनस राशि अपर्याप्त थी जिसे बढ़ाकर 1,000 रुपए करने का निर्णय लिया गया है।
उन्होंने बताया कि इस निर्णय से केन्द्र सरकार को हर तीन वर्ष पर मातृत्व लाभ कानून 1961 के तहत मेडिकल बोनस में संशोधन का अधिकार मिल जाएगा और इसकी अधिकतम सीमा अधिसूचना जारी होने पर 20,000 रुपए तक होगी। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में १४ फरवरी को हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
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